नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार टीपी सिंह, गांव से शहर तक लोग मर्माहत

झारखंड
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हजारीबाग। वरिष्ठ पत्रकार शाद्वल कुमार के गुजरे अभी सप्ताहभर नहीं बीते कि हजारीबाग के एक और वरिष्ठ पत्रकार त्रिपुरारी सिंह उर्फ टीपी सिंह असमय काल के गाल में समा गए। कोरोना की वजह से हुए इस दुखदायी हादसे से पूरा हजारीबाग दुखी है। पत्रकार टीपी सिंह सोशल मीडिया पर काफी मुखर और निर्भीक थे।

कई घपलों-घोटालों को उजागर करते रहते थे और मुखर होकर उसपर अपना स्वर भी बुलंद करते थे। उनकी पत्रकारिता के इसी अलग अंदाज के सभी कायल थे। व्यक्तिगत रूप से भी वह काफी हंसमुख, मिलनसार और मददगार प्रकृति के इंसान थे। सोशल मीडिया पर उनके चहेतों की कोई कमी नहीं थी।

वर्ष 1988-89 से पत्रकारिता शुरू की थी। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी। उनके इस तरह गुजर जाने से सहज लोगों को विश्वास नहीं हो रहा। उनके निधन पर हर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने शोक जताया है। हजारीबाग कदमा निवासी टीपी सिंह झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सक्रिय और वरिष्ठ सदस्य थे। लंबे समय तक प्रेस क्लब हजारीबाग के सचिव भी रहे।

पिछले कुछ दिनों से वे कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज आरोग्यम अस्पताल हजारीबाग में चल रहा था। बुधवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को किया गया। बेटे पीयूष ने मुखाग्नि दी। टीपीसी सिंह के परिवार में पत्नी, पुत्र, पत्रकार मुरारी सिंह, बिहारी सिंह समेत भरा पूरा परिवार है। उनके निधन पर गांव से शहर तक लोग मर्माहत हैं।