झारखंड में 6 मई तक बढ़ी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि

झारखंड मुख्य समाचार
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  • अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर दुकानें दोपहर 2 बजे तक खुलेगी

रांची। राज्य सरकार ने पूरे झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को एक सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब 29 अप्रैल की सुबह 6 बजे से 6 मई की सुबह 6 बजे तक स्वास्थ्य सुरक्षा सुप्ताह का अनुपालन राज्यवासियों को अनिवार्य रूप से करना होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज आपदा प्रबन्धन प्राधिकार की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब दुकानें दोपहर 2 बजे तक ही खुली रहेंगी। इसे लेकर लोगों को दोपहर 3 बजे तक मूवमेंट करने की इजाजत होगी। इस बैठक में यह अहम फैसला भी लिया गया। राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को आगे बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया है।

जेनरल वार्ड में शिफ्ट किए जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की काफी किल्लत देखी जा रही है। इसके साथ ये भी जानकारी आ रही है कि जिन संक्रमितों का ऑक्सीजन स्तर सामान्य हो चुका है, उसके बाद भी वेऑक्सीजन युक्त बेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि ऐसे संक्रमितों को चिन्हित कर उन्हें अस्पताल के जेनरल वार्ड में शिफ्ट किया जाए। जिन्हें ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत हैं, उन्हें उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए उन्होंने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कम  से कम 50 अतिरिक्त सामान्य बेड की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाएं

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे रिम्स अथवा बड़े निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम का गठन करें। यह टीम सदर अस्पताल अथवा अन्य अस्पतालों मे  इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी। जरूरत के अनुसार बेहतर चिकित्सीय उपचार के सिलसिले में आवश्यक सलाह देगी। यह टीम इस बात की भी जानकारी लेगी कि किन संक्रमितों को ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत है और किन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा सकता है।

बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हों

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों को बेहतर चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में  समुचित कदम उठाए जाएं। इस सिलसिले में हर बेड तक ऑक्सीजन की उपलब्धता, जीवन रक्षक और जरूरी दवाएं और संक्रमितों और उनके परिजनों अथवा सगे संबंधितों की निगरानी की उचित व्यवस्था हो, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके।

कॉरपोरेट जगत से लें सहयोग

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में स्थित उद्योगों से कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए सहयोग लेने के लिए कदम उठाएं। इसके तहत कोविड डेडिकेटेड अस्पताल समेत अन्य जरूरी चिकित्सीय संसाधन वे उपलब्ध कराएं, ताकि राज्य में कोरोना संक्रमितों को उपचार के सिलसिले में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कॉरपोरेट जगत से सहयोग लेकर कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में मदद  मिल सकेगी।

बैठक में ये भी थे मौजूद

इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त -सह -स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव पूजा सिंघल और सचिव अमिताभ कौशल उपस्थित थे।