प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए भी शिक्षा विभाग ने तय की योग्‍यता, जानें विस्तार से

झारखंड शिक्षा
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रांची। शिक्षा विभाग ने प्रभारी प्रधानाध्यापक के लिए भी योग्यता तय कर दी है। इसके आधार पर ही अब रिक्त पदों का प्रभार सौंपा जाएगा। इसकी अधिसूचना स्कूली शिक्षा एवं साक्षारता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने 25 फरवरी को जारी कर दी है।

जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य में नियमित प्रधानाध्यापकों की सेवानिवृत्ति एवं प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं होने के कारण विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। इसके कारण विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कार्यों के सुचारू रूप से संचालन में कठिनाई हो रही है। प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार देने के लिए राज्य में कोई मापदंड निर्धारित नहीं है। इसलिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अलग-अलग मापदंड द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रभार दिया जाता है। इससे विवाद उत्पन्न हो जाता है।

नियमित प्रधानाध्यापक की नियुक्ति/प्रोन्नति का कार्य प्रक्रिया में है। इसलिए विद्यालयों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालन के लिए अस्थायी/स्थानीय व्यवस्था के अन्तर्गत प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रभार दिया जाता है, जिसपर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं होगा।

झारखंड +2 विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली, 2012 और झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली, 2015 में निहित प्रावधान और झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में सभी कोटि के माध्यमिक विद्यालयों (+2 सहित) में (जहां पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है) प्रभारी प्रधानाध्यापक को प्रभार देना सुनिश्चित किया जाता है।

उत्क्रमित उच्च विद्यालय :

वर्ग-1 से 10, वर्ग-6 से 10 एवं वर्ग-9 से 10 तक जहां माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित हैं –

इस कोटि के विद्यालयों में सर्वप्रथम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित ( B.Ed. ) माध्यमिक शिक्षक के वरीयतम

स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित (B.Ed.) के वरीयतम

वर्ग-1 से 10, वर्ग-6 से 10 एवं वर्ग-9 से 10 तक यदि माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं हो

वैसे उत्क्रमित उच्च विद्यालय जहां माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं, वहां प्रारंभिक विद्यालय के कार्यरत शिक्षकों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed.) में वरीयतम

स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed.) के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित (B.Ed.) के वरीयतम

यदि स्नातक प्रशिक्षित योग्यताधारी शिक्षक भी अनुपलब्ध हो, तब प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित शिक्षकों में से वरीयतम शिक्षक

उच्च विद्यालय (राजकीय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट उवि 1981-82 एवं 1984-85 चरण)

वर्ग-1 से 10, वर्ग-6 से 10 एवं वर्ग-9 से 10 तक की कक्षा जहां संचालित हो –

इस कोटि के उच्च विद्यालयों में कार्यरत स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed.) शिक्षकों में वरीयतम शिक्षक

स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed.) शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित (B.Ed.) शिक्षक के वरीयतम

+2 विद्यालय/उत्क्रमित+2 विद्यालय/राजकीय विद्यालय (+2 सहित)

वर्ग-1 से 12, वर्ग-6 से 12 एवं वर्ग-9 से 12 तक की कक्षा जहां संचालित हो

इन विद्यालयों में सभी कक्षाओं के लिये (+2 सहित) पदस्थापित स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक (PGT) में से आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा।

वैसे +2 विद्यालय/उत्क्रमित +2 विद्यालय जहां +2 स्तर तक के कोई स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक (PGT) कार्यरत नहीं हो

इन विद्यालयों में माध्यमिक स्तर के स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed.) शिक्षकों के अभाव में आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (TGT) (B.Ed.) को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (TGT) (B.Ed.) के अभाव में आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम शिक्षक

वर्ग-9 से वर्ग-12 तक संचालित विद्यालय में यदि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (B.Ed. ) अथवा स्नातक प्रशिक्षित (B.Ed.) शिक्षक कार्यरत नहीं हो, तो वैसी स्थिति में किसी दूसरे निकटवर्ती विद्यालय से स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक (PGT) (B.Ed.) को प्रतिनियुक्त कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया जा सकता है, परन्तु यह पूर्णतया तत्कालिक व्यवस्था होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसके लिये अपने नियंत्री पदाधिकारी से अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा।

अन्यान्य

प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार प्राप्त करने वाले शिक्षक को पूर्व के अर्हता वाले पद पर कम-से-कम 05 वर्षों का कार्य अनुभव आवश्यक है।

नियमित प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के साथ ही प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार स्वतः समाप्त हो जायेगा। इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार का वित्तीय प्रभाव नहीं होगा।

शिक्षकों की आपसी वरीयता संबंधित विद्यालय में कार्यरत/पदस्थापित शिक्षकों में से प्रशिक्षित (B.Ed.) योग्यताधारी शिक्षकों की परस्पर वरीयता मानी जाएगी। आपसी वरीयता का आधार नियुक्ति तिथि मानी जाएगी। नियुक्ति तिथि समान होने पर जन्म तिथि को आधार माना जाएगा।

उपरोक्त कंडिका-01 से 04 में वर्णित दिशा निर्देश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी संबंधित विद्यालय के कार्यरत शिक्षकों की आपसी वरीयता की सूची तैयार करेंगे। उसका अनुमोदन क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक से प्राप्त करेंगे। इसके बाद अनुमोदित वरीयता सूची में सबसे वरीयतम शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत करेंगे।

सभी कोटि के सरकारी माध्यमिक विद्यालय (+2 सहित) 12वीं कक्षा को आधार मानकर ही विद्यालय संचालन के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में अधिकृत किये जा सकेंगे।