कृषक महिलाओं के अनुकूल कृषि यंत्रों के विकास पर कुलपति ने दिया जोर

कृषि झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कृषक महिलाओं की तकलीफें दूर करने के लिए कम लागतवाले छोटे कृषि यंत्रों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में अधिकांश कृषि कार्य महिलायें करती हैं। इसलिए बोआई, कटाई, दौनी आदि कार्यों के लिए ऐसे छोटे यंत्र डिजाइन किये जाने चाहिए, जिनके संचालन में महिलायों को सुविधा हो। उनके समय एवं श्रम की बचत हो। कुलपति 24 मार्च को बीएयू के कृषि अभियंत्रण विभाग के तत्‍वावधान में आयोजित तकनीकी एवं मशीनरी प्रत्यक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थेI

झारखंड कृषि मशीनरी टेस्टिंग एवं प्रशिक्षण केंद्र के कार्यकारी निदेशक आरपी सिंह ने कहा की राज्य में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दि‍या जा रहा है। छोटे-बड़े ट्रैक्टर से लेकर सभी प्रकार के कृषि यंत्र एवं उपकरण 50 से 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हैं। इच्छुक किसान जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी या जिला कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। अनुदान का प्रतिशत जितना झारखंड में है, उतना अन्य किसी राज्य में नहीं। जिन केंद्रीय योजनाओं में 40-50 प्रतिशत अनुदान है, उनमें भी राज्य सरकार ने अपना अंश लगाकर 80-90 प्रतिशत कर दिया है। जिन्हें अनुदान लेकर खरीदने में रूचि नहीं हो, वैसे किसान आसपास के कृषक समूह से किराये पर भी ले सकते हैं।

कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के एसोसिएट डीन डीके रूसिया ने आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से उत्पादकता बढ़ेगी। कृषि लागत में कमी आएगी। पोस्ट हार्वेस्ट बर्बादी कम होगी। बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ ए वदूद और छात्र कल्याण निदेशक डॉ डीके शाही ने भी अपने विचार रखे।

प्रत्यक्षण में हस्त संचालित, पशु संचालित, बिजली संचालित और मोटर से चलनेवाले विभिन्न कृषि यंत्र उनके मूल्य और क्षमता सहित किसानों की जागरुकता के लिए प्रदर्शित किये गए थे। अनेक तरह के ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस, कीट मुक्त नेट हाउस, माइक्रो इरीगेशन सिस्टम, वर्टिकल फार्मिंग, बिना मिटटी की खेती आदि से संबंधित मॉडल भी प्रदर्शित किये गए थे। छोटे तेल मिल, दाल मिल सहित खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित कई मशीनें रखी गयी थीं, जिनके संचालन, लागत और कैपेसिटी की जानकारी किसानों को दी गयी।

प्रत्यक्षण का आयोजन आइसीएआर के निर्देश पर प्रक्षेत्र उपकरण एवं मशीनरी, कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों में ऊर्जा, कृषि संरचना एवं पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक अभियांत्रिकी, कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित चार अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं द्वारा किया गया था। इन परियोजनाओं के प्रधान अन्वेषक डॉ उत्तम कुमार, डॉ एसके पाण्डेय, डॉ प्रमोद राय और डॉ मिंटू जॉब हैं।

कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, सरायकेला-खरसावां, गुमला, लोहरदगा, रामगढ, रांची सहित 9 जिलों के 600 से अधिक किसानों ने भाग लिया। उन्हें बीएयू के वैज्ञानिकों ने कृषि यंत्रों के उपयोग से उन्नत और समेकित खेती की जानकारी दी।