कालाजार की रोकथाम के लिए 15 फरवरी से चलेगा अभियान

झारखंड सेहत
Spread the love

रांची। झारखंड सरकार कालाजार रोग एवं फाइलेरिया रोग उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्रम में कालाजार एंडेमिक 4 जिलों (गोड्डा, दुमका, साहेबगंजऔर पाकुड़) में 15 फरवरी से कीटनाशी छिड़काव कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 22 फरवरी से साहेबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है।

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम) डॉ एसएन झा ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण पाने के ल‍िए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। कोरोना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ-सफाई का अनुपालन करते हुए फाइलेरिया रोग उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड से कालाजार और फाइलेरिया जैसे रोगों के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता के साथ सभी विभागों के साथ मिलकर समन्वय से कार्य किया जा रहा है। इस दिशा में कार्य करने वाली संस्थाएं भी सरकार को पूर्ण सहयोग कर रहीं हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ देवेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार का संक्रमण बालू मक्खी यानी सैंडफ्लाई द्वारा होता है। यह बालू मक्खी कालाजार रोग के परजीवी लीशमेनिया डोनोवानी को एक रोगी व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक फैलाती है । यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा से बुखार हो, उसकी तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो और उपचार से ठीक न हो, तो उसे कालाजार हो सकता है। कालाजार को फैलाने वाली बालू मक्खी के खत्म करने के लिए सरकार द्वारा कीटनाशी छिड़काव यानी आईआरएस कहलाता है।

डॉ स‍िंह ने बताया की वर्ष 2017 में राज्य के 25 ब्लॉक में केस संख्या दर प्रति दस हजार आबादी पर एक से अधिक थी, जो वर्ष 2020 मे घटकर सिर्फ 12 ब्लॉक में रह गया है। इसके साथ ही, फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। भारत में लगभग 2.3 करोड़ व्यक्ति इससे संक्रमित हैं। 65 करोड़ लोग इससे प्रभावित होने के खतरे में हैं।

झारखंड में 22 जिलें फाइलेरिया से एंडेमिक हैं, जिनमें चरणबद्ध तरीके से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जायेगा। कार्यक्रम के अंतर्गत फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार, निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने नि:शुल्क खिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस अभियान के अंतर्गत 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 mg) दी जाएगी। कालाजार का उपचार एक दिन में संभव है। इसकी जांच और उपचार सदर अस्पतालों और सभी प्रभावित जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध है।

प्रोजेक्ट कन्सर्न इंटरनेशनल के मोहम्मद कलाम खान ने कहा क‍ि कालाजार और फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के ल‍िए उनकी संस्था पंचायतों के साथ, विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ मिलकर कार्य करती है। उनके माध्यम से लोगों को प्रेरित करती है कि लोग कीटनाशक दवाओं के छिड़काव में सहायता करें। मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान सभी लाभार्थी, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही करें। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में सोशल मोबिलाइजेशन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और इसके माध्यम से लोगों में सही जानकारी को फैलाने में बहुत सहयोग मिलता है।