मुख्यमंत्री ने की विकास कार्यों की समीक्षा, कहा-नगर का समावेशी विकास किया जाएगा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल को देश का सुंदरतम-स्वच्छतम शहर बनाया जाएगा। हमें सफाई और सुंदरता में विश्व के सर्वश्रेष्ठ शहरों में भोपाल को शामिल करने के लिए प्रयास करना है। शहर का समावेशी विकास किया जाएगा। शहर में अधोसंरचना विकास और सौंदर्यीकरण के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की आजीविका और उनकी आवास व्यवस्था के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह बातें सोमवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में हुई भोपाल सौंदर्यीकरण एवं विकास योजना की समीक्षा बैठक में कही। बैठक में भोपाल शहर की वर्ष 2031 तक की आवश्यकताओं के संदर्भ में 6 बिन्दुओं क्रमश: स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रदाय, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, शहरी परिवहन, अग्निशमन सेवा सहित आत्म-निर्भर भोपाल के लिए जारी योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
भानपुरा खंती का वैज्ञानिक उपचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भानपुरा खंती का वैज्ञानिक उपचार किया जा रहा है। कुल 37 एकड़ भूमि में से 21 एकड़ उपचारित भूमि का व्यावसायिक प्रबंधन किया जा रहा है, जिससे लगभग 85 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होगी। शेष 16 एकड़ भूमि में हरित क्षेत्र विकास किया जा रहा है। यह देश की प्रथम वैज्ञानिक उपचार एवं भूमि की पुन: प्राप्ति योजना है।
आदमपुर में ठोस अपशिष्ट निष्पादन
आदमपुर में ठोस अपशिष्ट निष्पादन संयंत्र द्वारा प्रतिदिन 400 टन कचरे से चारकोल निर्माण किया जाएगा। इससे 4 करोड़ 86 लाख रुपये की सालाना बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कार्य को गति देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार 30 करोड़ रुपये की लागत से आदमपुर में बायो सी.एन.जी. प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट में 200 टन गीले कचरे से प्रतिदिन 6400 कि.ग्रा. बायो सीएनजी गैस का उत्पादन होगा। इससे करीब ढाई करोड़ रुपये की सालाना बचत तथा 61 लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय होगी।
32 सार्वजनिक शौचालय निर्माणाधीन
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत भोपाल नगर में 204 सार्वजनिक शौचालय संचालित हैं और 32 निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री ने इनके निरंतर रख-रखाव और स्वच्छता के निर्देश दिए। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि वर्ष 2031 तक कुल 315 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का लक्ष्य है।
20 कचरा ट्रांसफर स्टेशन
नगर में वर्ष 2031 तक 20 कचरा ट्रांसफर केन्द्रों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में 06 कचरा ट्रांसफर स्टेशन कार्यरत हैं, इस वर्ष के अंत तक 13 ट्रांसफार स्टेशन क्रियाशील हो जाएंगे। कचरा संकलन वाहनों की जीपीएस आधारित मॉनीटरिंग की जा रही है। वर्तमान में 02 जीरो वेस्ट कॉलोनियाँ हैं। वर्ष 2026 तक 100 जीरो वेस्ट कॉलोनियाँ विकसित करने का लक्ष्य है।
जल प्रदाय एवं सीवरेज
नगर में वर्तमान में 23 लाख 39 हजार जनसंख्या के लिए 363 एम.एल.डी. जल आपूर्ति की जा रही है। वर्ष 2031 तक 31 लाख जनसंख्या के लिए 468 एम.एल.डी. जल उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। पुराने कोलार ग्रेवेटी फीडरमेन के प्रतिस्थापन का 92 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जल प्रदाय व्यवस्था में सुधार के लिए पुरानी लाइनों के प्रतिस्थापन, भंडारण क्षमता में वृद्धि नेटवर्क के विस्तार, प्रत्येक घर में नल कनेक्शन से जल प्रदाय की कार्य-योजना है। वर्ष 2026 तक सीवरेज नेटवर्क 1520 किलोमीटर और ट्रीटमेंट क्षमता 493 एम.एल.डी. तक ले जाने का लक्ष्य है।
स्ट्रीट लाईट
भोपाल शहर में 65 हजार 30 स्ट्रीट लाईट संचालित हैं। इन्हें वर्ष 2026 तक स्मार्ट एल.ई.डी. लाइटस में बदल दिया जाएगा। भोपाल में 2031 तक 80 हजार स्मार्ट एल.ई.डी लाइटस लगाने का लक्ष्य है।
शहरी परिवहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक परिवहन बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन और इसकी बालिकाओं और महिलाओं को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने भोपाल में सर्वसुविधायुक्त आदर्श बस स्टेण्ड विकसित करने की आवश्यकता बताई। प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि वर्तमान में आईएसबीटी, जवाहर चौक, बैरागढ़ में डिपो संचालित हैं। इसके अतिरिक्त बागसेवानियां, कोकता, वीर सावरकर सेतु, भानपुर खंती, पुराने आरटीओ कार्यालय, पुतली घर, नादरा, आरिफ नगर और विद्या नगर में भी नवीन डिपो निर्मित किए जाएंगे।
फायर स्टेशन
भोपाल में वर्तमान में 11 फायर स्टेशन संचालित हैं। वर्ष 2026 तक 19 फायर स्टेशन और 52 हाइड्रोलिक प्लेटफार्म संचालित होंगे। प्रस्तुतिकरण में सबके लिए आवास, रोड नेटवर्क, मेट्रो रेल व्यवस्था, चौराहों के उन्नयन, फ्लाय ओवर निर्माण, उद्यानों के विकास, आत्म-निर्भर भोपाल के निर्माण के लिए राजस्व प्रबंधन, नजूल भूमि निवर्तन, कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार, व्यावसायिक परिसम्पत्तियों के निर्माण, स्व-सहायता समूहों के गठन, दीनदयाल अंत्योदय योजना और रैन बसेरों के विस्तार की भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही नगर के सौन्दर्यीकरण, संरक्षण एवं आमोद-प्रमोद के लिए किए गए प्रावधानों पर भी प्रस्तुतिकरण दिया गया।