कोल इंडिया की तीन अनुषंगी कंपनी को मिले कोयला मंत्री अवॉर्ड

झारखंड बिज़नेस
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  • सीसीएल, एनसीएल और डब्‍ल्‍यूसीएल शामिल
  • कोल इंडिया के ईआरपी का किया गया शुभारंभ

रांची। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 21 जनवरी नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सेंट्रल कोलफील्डस लिमिटेड (सीसीएल), नॉर्दर्न कोलफील्डस लिमिटेड (एनसीएल) और वेस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) को ‘कोयला मंत्री अवॉर्ड’ प्रदान किए।

देश में कोयला खनन में सर्वश्रेष्ठ और सतत् प्रणालियों (सस्टेनेबल प्रैक्टिसस्) को बढ़ावा देने के लिए ये अवॉर्ड शुरू किए गए हैं। कार्यक्रम में श्री जोशी ने सीआईएल के एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी)– ‘प्रोजेक्ट पैशन’ का भी शुभारंभ किया। इससे कंपनी के व्यावसायिक प्रदर्शन में सुधार में और बढ़े हुए आंकड़ा शुचिता (एनहैन्स्ड डेटा इन्टेग्रिटी) से कंपनी की प्रगति में मदद मिलेगी।

एनसीएल को कोयला उत्पादन और उत्पादकता में शानदार प्रदर्शन करने के लिए अवॉर्ड दिया गया। जबकि सीसीएल और डब्ल्यूसीएल ने क्रमशः सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा प्रणालियों को अपनाने और सतत् खनन (सस्टेनेबल माइनिंग) के लिए अवार्ड्स हासिल किए।

श्री जोशी ने कहा कि कोयला भारत की ऊर्जा आकांक्षाओं की लाइफलाइन है और रहेगा। भारत सेफ्टी (सुरक्षा) और सस्टेनेबिलिटी (सतत् विकास) के सभी मानकों के पालन के साथ कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है। इन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही ये अवार्ड्स शुरू किए गए हैं। आने वाले समय में कोयला कंपनियां उत्पादकता, सेफ़्टी एवं सस्टेनेबल माइनिंग के और भी ऊंचे मानदंड स्थापित करेंगी।  

कोल इंडिया में ईआरपी दो चरणों में लागू किया जाएगा। बृहस्पतिवार को लांच किए गए पहले चरण में सीआईएल मुख्यालय और दो अनुषंगी कंपनियों- डब्ल्यूसीएल एवं एमसीएल को कवर किया गया है। इस वर्ष अगस्त में शुरू होने वाले दूसरे चरण में शेष सभी 6 अनुषंगियों कंपनियों को कवर किया जाएगा।  

श्री जोशी ने कहा कि ईआरपी के लागू होने से सीआईएल को समय पर (रियल-टाइम) निर्णय लेने, उत्पादकता बढ़ाने और लागत कम करने में मदद मिलेगी। यह सीआईएल को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 01 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में सशक्त बनने और आज के लगातार बदलते ऊर्जा परिदृश्य में सबसे अधिक उत्पादक खनन कंपनियों में से एक बनने में मदद करेगा।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनसीएल की कृष्णशिला परियोजना के नए कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) का शुभारंभ भी किया। 4 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले इस स्टेट ऑफ दी आर्ट सीएचपी से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अनपरा थर्मल पावर स्टेशन (एटीपीएस) और हिंडाल्को के रेणुसागर पावर डिविजन को कनवेयर बेल्ट एवं रैपिड लोडिंग सिस्टम के जरिए कोयले की आपूर्ति की जाएगी।

कृष्णशिला सीएचपी सीआईएल के 400 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले 35 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है। कंपनी 12,500 करोड़ रुपए के बड़े निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2023-24 तक इन सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लक्ष्य पर तेजी से काम कर रही है।

श्री जोशी ने कहा कि कोयला कंपनियां तेजी से फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स पर आगे बढ़ रही हैं, जिससे कोयला निकासी की प्रक्रिया में सुधार आएगा। कोयले के सड़क परिवहन को समाप्त करने एवं पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। साथ ही, इससे ना सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि खनन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले लोगों का जीवन भी सुगम होगा।  

कृष्णशिला सीएचपी के शुभारंभ के साथ कोल इंडिया ने 30 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले 3 एफएमसी प्रोजेक्ट्स का सफलता पूर्वक परिचालन शुरू कर दिया है। 26 एमटीपीए की सम्मिलित क्षमता वाले अन्य दो प्रोजेक्ट्स में से एक-एक एसईसीएल और एमसीएल में हैं, जोकि क्रमशः गत वर्ष फरवरी एवं अप्रैल से परिचालन में हैं। शेष 32 एफएमसी प्रोजेक्ट्स पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।

ये सभी प्रोजेक्ट्स वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति से पहले शुरू कर दिए जाएंगे। वर्तमान में सीआईएल 150 एमटीपीए से अधिक कोयले की मैकेनाइज्ड हैंडलिंग करती है। इन सभी 35 एफएमसी परिजेक्ट्स के पूरा होने के बाद कंपनी की मैकेनाइज्ड कोल हैंडलिंग क्षमता बढ़कर 550 एमटीपीए हो जाएगी।

कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला सचिव (कोयला) अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया चैयरमैन प्रमोद अग्रवाल, एनसीएल सीएमडी पीके सिंह, सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, डब्ल्यूसीएल सीएमडी मनोज कुमार और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।