नई दिल्ली। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि मैं जम्मू-कश्मीर जाऊंगा। मैं अपनी पार्टी बनाऊंगा।
जम्मू-कश्मीर में मेरे कई दोस्त हैं. विरोधी पहले से बोल रहे हैं कि मैं भाजपा में जाऊंगा, लेकिन वैसी कोई बात नहीं हैं। मैं अपनी नयी पार्टी बनाऊंगा।
इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद भाजपा की भी प्रतिक्रिया आ गयी है। मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गये (इस्तीफे) पत्र में काफी समानता हैं।
सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता हैं। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है, जो अब तक विफल रहा है। आगे उन्होंने कहा कि इस वजह से जो नेता पार्टी के लिए वफ़ादार थे वह पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।
मैंने 2015 में ही कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रह जाएंगे। राहुल गांधी भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं, तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।
आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि उनके जैसे शख्स को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी। इससे पता चलता है कि वह वापस लड़ने को तैयार नहीं हैं। राहुल गांधी को दोष देना सही नहीं है। वे सत्ता में रहना चाहते थे। नुकसान केवल आजाद को होगा, कांग्रेस के लिए नहीं।
इधर कांग्रेस नेता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि जो टिप्पणियां की गई हैं वो उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें जो मेरे समझ के परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें (गुलाम नबी आजाद) सब कुछ दिया।
इधर कांग्रेस नेता और ‘जी 23′ में शामिल रहे संदीप दीक्षित ने गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखकर कहा है कि हमने पार्टी के भीतर सुधार का बैनर उठाया था, विद्रोह का नहीं।