बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान ‘मैंडूस’ चेन्नई में आज तट से टकराएगा, इन शहरों में बंद रहेंगे स्कूल- कॉलेज, झारखंड में होगा ये असर

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान सच साबित हो रहा है। बंगाल की खाड़ी से उठा ‘मैंडूस’ चक्रवात (Cyclone Mandus) तेजी से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी की ओर बढ़ रहा है और यह चक्रवाती तूफान आज चेन्नई के पास तट से टकरा सकता है।

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 9 दिसंबर की आधी रात को यह तूफान चेन्नई के पास तट से गुजर सकता है और इस दौरान तमिलनाडु के तटीय इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने तमिलनाडु में तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।

चक्रवात तूफानी ‘मैंडूस’ के पूर्वानुमान के आधार पर चेन्नई, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, कांचीपुरम के सभी स्कूलों और कॉलेजों को 9 दिसंबर को बंद रखने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार झारखंड में भी इसका असर देखने को मिलेगा। तेज हवा के साथ ठंड बढ़ेगी। शाम के बाद हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ेगी।

बता दें कि तमिलनाडु के इन शहरों में बीते कई दिनों से मौसम में बदलाव आया है और जन-जीवन प्रभावित हुआ है। इससे पहले मुथुपेट दरगाह में “कंदूरी (चंदन बर्तन) विझा” के कारण 5 दिसंबर को तिरुवरूर जिले के स्कूल बंद थे। 7 दिसंबर को तमिलनाडु के तिरुवरुर, तंजावुर जिलों में स्कूल बंद थे।

भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब गहरे दबाव में बदल गया है और चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ कराईकल से लगभग 420 किमी दूर है और यह तूफान 09 दिसंबर की आधी रात को उत्तर तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा को पार कर सकता है।

IMD ने 10 दिसंबर को उत्तर तमिलनाडु और रायलसीमा और दक्षिण आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं 11 दिसंबर को उत्तर आंतरिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन कमिश्नर ने चक्रवात तूफान को देखते हुए एहतियाती कदम उठाने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की।

तूफान की आशंका वाले जिलों में 5,000 से ज्यादा राहत शिविर खोले हैं। शिविर में रह रहे लोगों को भोजन, पेयजल और स्वास्थ्य सहित सभी बुनियादी सुविधाएं दी गई हैं। वहीं निगरानी के लिए 24 घंटे एक नियंत्रण कक्ष भी खोला गया है, जो अगले दो दिनों तक भारी बारिश तथा उसके कारण होने वाले असर पर नजर रखेगा।