
नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के सरगना यासीन मलिक को दिल्ली के NIA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है। यासीन जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा था। वह आतंकी सरगना हाफिज सईद, हुर्रियत कांफ्रेंस के सदस्यों तथा जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ साजिश करने तथा देश विरोधी गतिविधियों के लिए देश-विदेश से फंडिंग जुटाने का दोषी है। इस टेरर फंडिंग के लिए उसने हवाला नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया।
यासीन को मिली सजा पर बिहार के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जैसी करनी, वैसी भरनी। पटना के दीघा निवासी विकास कुमार ने कहा कि यासीन राजनीति की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था, लेकिन उसका नकाब उतर गया। फरीदाबाद में रहने वाली मोतिहारी की निवासी आकांक्षा ने बताया कि उसकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कश्मीरी पंडित दोस्त ने यासीन मलिक के आंतक के बारे में बताया था। वह कश्मीरी पंडितों के लिए दहशत का दूसरा नाम था।