नई दिल्ली। पाकिस्तान ने अब भारत से जंग के लिए महिलाओं की आड़ में एक नया ऑपरेशन शुरू किया है। ISI अब भारत में जासूसी के लिए महिला एजेंट्स की भर्ती कर रही है। अब तक 300 महिला एजेंट्स को भर्ती किया जा चुका है। कश्मीर के लिए आईएसआई ने अलग से महिला एजेंट्स का कॉल सेंटर बनाया है। इस बड़े ऑपरेशन का खुलासा हाल ही में हनीट्रैप के शिकार हुए जोधपुर में तैनात सेना के जवान प्रदीप से खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में हुआ है।
जासूसी करवाने के इस ऑपरेशन को नाम ‘प्रोजेक्ट शेरनी’दिया है। ISI ने भारतीय सीमा पर जासूसी के लिए जोनवार कॉल सेंटर बनाए हैं। कश्मीर में जासूसी के लिए पाकिस्तान के मीरपुर में, गुजरात सीमा पर जासूसी के लिए कराची में, पंजाब व जम्मू में जासूसी के लिए लाहौर तथा रावलपिंडी में ये कॉल सेंटर बनाये हैं। इन महिला जासूसों को भर्ती करने के बाद उन्हें 180 दिन की ऑनलाइन और डार्कवेब की ट्रेनिंग की दी गई। महिला एजेंट को 50 भारतीय प्रोफाइल दी जाती हैं।
ISI ने सबसे पहले इसकी शुरुआत 2019 में ऑपरेशन हैदराबाद से की थी। सिंध से गरीब लड़कियों, स्थानीय कॉल गर्ल और कॉलेज की लड़कियों की महिला एजेंट के लिए अधिकतर हिंदू लड़कियों की हायरिंग शुरू की गई थी। इन महिला एजेंट्स को ट्रेनिंग के बाद कैप्टन रैंक के अधिकारी की निगरानी में हनीट्रैप का टास्क सौंपा जाना शुरू किया गया।
ट्रेनिंग में उस इलाके के रहन सहन, स्थानीय बोली और धार्मिक आस्था की खास ट्रेनिंग दी जाती है। सोशल मीडिया से कनेक्ट होने के बाद दोस्ती और फिर हनीट्रैप में फंसाने के लिए अश्लील कॉल और विडियो की मदद लेती हैं।