- सभी संबंधितों को टीका का दोनों डोज लेना अनिवार्य, प्रार्थना व सामूहिक कार्यक्रम पर रोक
रांची। झारखंड में संचालित स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। शिक्षक और विद्यार्थियों की कोविड जांच भी होगा। स्कूल से संबंधित सभी लोगों को टीका का दोनों डोज लेना अनिवार्य है। स्कूलों में प्रार्थना सभा और किसी भी प्रकार का समूह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि का आयोजन नहीं किया जायेगा। इस बाबत शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा ने सभी उपायुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को 23 अप्रैल को निर्देश दिया है।
सचिव ने आदेश में लिखा है कि वर्तमान में राज्य के अंतर्गत सभी प्रकार एवं सभी श्रेणी के विद्यालय सामान्य रूप से संचालित है। देश के कई राज्यों में कोविड-19 के संक्रमण दर में विगत 15 दिनों से वृद्धि देखी जा रही है, जो चिंताजनक है। ऐसे समय में राज्य में संचालित विद्यालयों में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सभी आवश्यक पहल प्राथमिकता के स्तर पर सुनिश्चित करना अनिवार्य है। पूर्व में विद्यालयों के पूर्नसंचालन से संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये गये है। इसके दृढ़ता से पालन का अनुरोध किया गया है।
सचिव ने लिखा है कि उपरोक्त संदर्भ में और कोविड-19 के संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुनः दिशानिर्देश दी जा रही है। सभी स्तर पर एक ठोस रणनीति बनाते हुए दिशानिर्देश को दृढ़ता से अनुपालित कराये जाने की आवश्यकता है, ताकि इस वैश्विक महामारी से सफलता पूर्वक निपटा जा सके।
स्कूल संचालन के दिशानिर्देश
राज्य के सभी जिलों के सभी विद्यालय, जहां कक्षा 1 से 12 की पढ़ाई होती है (आवासीय सहित) उक्त दिशानिर्देश के आलोक में विद्यार्थियों के साथ संचालित होंगे।
सभी संबंधित शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी, सरस्वती वाहिनी की माताओं को कोविड-19 का दोनों डोज टीका लिया होना अनिवार्य होगा।
विद्यालय के अंदर सभी शिक्षक विद्यालय अवधि तक मास्क का उपयोग निरंतर करेंगे।
राज्य के सभी वैसे विद्यालय जहां कक्षा 1 से 12 की पढ़ाई होती है, में शत-प्रतिशत शिक्षक उपस्थित होकर विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य सुनिश्चित करेंगे।
शिक्षण कार्यों को प्रारम्भ करने से पहले विद्यालय परिसर, वर्गकक्ष, प्रयोगशाला, पुस्तकालय तथा अन्य सामान्य उपयोगिता क्षेत्रों सहित शिक्षण/ प्रदर्शनों आदि के लिए निर्धारित कार्य क्षेत्रों को 1% Sodium Hypochlorite Solution के साथ विशेष रूप से सेनिटाइज किया जाये। सामान्यतः बार-बार छूए जाने वाले सतहों यथा- दरवाजा, सीढ़ी इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाए। आवश्यकतानुसार कम से कम 15 दिनों पर विद्यालयों को सेनिटाइज किया जा सकता है।
कक्षा 1 से 12 के छात्रों के पास कक्षाओं में भाग लेने का विकल्प होगा, परंतु इसके लिए माता-पिता / अभिभावक की लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
राज्य के सभी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी।
शिक्षक और छात्र 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे। शिक्षण कार्य के लिए बैठने की योजना शारीरिक दूरी के अनुरूप की जाय।
विद्यालय में प्रार्थना सभा और किसी भी प्रकार का समूह या सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि का आयोजन नहीं किया जायेगा।
विद्यालय के अंदर विद्यार्थियों को टिफिन बॉक्स लेकर आने की अनुमति होगी।
वैसे विद्यालय जहां मध्याह्न भोजन योजना लागू है, उन विद्यालयों में विद्यार्थियों को पका हुआ भोजन दिया जायेगा। भोजन पकाने वाले और सहयोग करने वाले सभी कर्मियों का कोविड-19 का पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य होगा।
साबुन से हाथ धोने की निरंतर सुविधा सुनिश्चित की जाय।
विद्यालय परिसर के अंदर और बाहर कतार प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए 6 फीट की दूरी पर फर्श पर विशिष्ट चिह्नों को बनाया जाये। स्टाफ रूम, कार्यालय कक्ष एवं अन्य स्थानों (प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि) में भी शारीरिक दूरी बनाए रखी जाए।
सभाकक्ष, खेल और अन्य गतिविधि, जिसमें भीड़भाड़ होने की संभावना हो, पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
विद्यालय परिसर में किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए शिक्षक/छात्र/ कर्मचारियों के लिए राज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का नम्बर भी प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
वेंटिलेशन के लिए CPWD के दिशानिर्देशों का पालन किया जाये, ताजी हवा का सेवन जितना संभव हो उतना होना चाहिए और क्रॉस वेंटिलेशन पर्याप्त होना चाहिए।
विद्यालय के प्रवेश द्वार पर बच्चों के हाथ सेनिटाइज्ड करने के लिए साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाएगी। आवश्यकतानुसार विद्यालय में हैंड सेनिटाइजर की भी व्यवस्था रखी जाये।
विद्यालय आने और विद्यालय से जाने के समय बच्चों को शारीरिक दूरी के मापदंडों का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाये। इसके लिये विद्यालय के प्रवेश द्वार से वर्ग कक्ष तक छह फीट की दूरी पर गोल घेरे अथवा चिन्ह अंकित करना सुनिश्चित किया जाए ।
विद्यालय से बाहर भीड़ से बचने और यातायात को विनियमित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस, समुदाय, स्वयं सेवकों की सहायता ली जा सकती है।
विद्यालय संचालन के लिए छात्रों के लिए विद्यालय द्वारा बच्चों की संख्या को देखते हुए अलग-अलग पाली के अनुसार विद्यालय संचालन के लिए समय सारणी का निर्माण सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रधानाध्यापक द्वारा तैयार किया जाएगा। इसकी सूचना संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी को अनिवार्य रूप से देना सुनिश्चित किया जाए।
विद्यालयों की साफ-सफाई एवं सेनिटाइजेशन के लिए आवश्यक व्यवस्था के लिए विद्यालयों में पूर्व से उपलब्ध विद्यालय विकास कोष अथवा विद्यालय प्रबंधन एवं विकास मद की राशि से दिशानिर्देशों का पालन करते हुए व्यवस्था करना सुनिश्चित की जाए।
विद्यालय साफ-सफाई और सेनिटाइजेशन के लिए जिला के जिला आपदा प्रबंधन समिति, नगर निगम / नगरपालिका तथा प्रखंड स्तर पर पंचायत कार्यालय से भी संपर्क कर व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए।
नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों की स्वास्थ्य जांच और आपात स्थिति से निपटने के लिए विद्यालय के प्रमुख स्थान पर स्वास्थ्य केन्द्र का नंबर आवश्यक रूप से अंकित किया जाये।
जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर विद्यार्थी एवं शिक्षकों की कोविड-19 जांच रेंडम रूप से किया जायेगा।
विद्यालयों में ऑफलाईन जांच एवं परीक्षा आयोजित की जायेगी।