आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। रामनवमी के दिन झारखंड के लोहरदगा जिले में हुई हिंसा को कई दिन बीत चुके हैं। जांच चल रही है। इस दौरान धीरे-धीरे इसकी परत खुल रही है। कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं। यह बात सामने आई है कि हिंसा क्षणिक उतेजना का परिणाम नहीं था। इसके पीछे सोची-समझी साजिश थी, जो विभिन्न संगठनों के स्लीपर सेल ने रची थी। इसका खुलासा खुद अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) अरविंद कुमार लाल ने भी किया।
एसडीओ अरविंद लाल ने कहा कि लोहरदगा की हिंसा में स्लीपर सेल का हाथ है। यह बात उन्होंने हिंसा के बाद शांति कायम करने के लिए हुई हिंदू-मुसलिम अमनपसंदों की बैठक में कही थी। उन्होंने यह भी कहा कि अफवाह फैलाने वालों से बचें। किसी भी चीज का पहले सत्यापन कर लें। पुलिस-प्रशासन को इसकी सूचना दें। अभी शांति व्यस्था कायम है।
एसडीओ ने कहा कि स्लीपर सेल में बड़े इंटेलीजेंट लोग होते हैं। वे अनेक रूप लेकर समाज में रहते हैं। गड़बड़ी फैलाने का काम करते हैं। प्रशासन ऐसे लोगों की खोज अवश्य कर लेगा। उन्होंने कहा कि किसी के बहकावे में नहीं जायें। अफवाहों पर विश्वास नहीं करें। सभी देशवासी एक हैं। अपनी धार्मिक भावनाओं से ऊपर उठ कर लोहरदगा के हित में झारखंड के हित में, देश के हित में फिर से समरसता लायें।
हालांकि एसडीओ के बयान के बाद रांची से लेकर लोहरदगा तक में एक ऐसा वर्ग सक्रिय हो गया, जो नहीं चाहता है कि लोहरदगा हिंसा में स्लीपर सेल की भूमिका के बारे में कोई सूचना सार्वजनिक हो। ऐसे लोगों ने तुरंत-इसका खंडन भी किया। इस सूचना को सरासर गलत बताया गया।