पटना। सूर्यापासना और लोकआस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ मंगलवार से शुरू हो गया। आज नहाय-खाय के साथ अनुष्ठान शुरू हो गया।
पहले दिन छठ मइया को कद्दू-भात का भोग लगाकर व्रती खुद प्रसाद ग्रहण करेंगे। श्रद्धालुओं ने सोमवार को गंगा समेत अन्य नदियों व जलाशयों में स्नान के बाद पर्व की तैयारी शुरू कर दी। बिहार और झारखंड में चैती महापर्व का आयोजन व्यापक रूप से होता है।
दूसरे दिन का जानिए अनुष्ठान
छठ महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु दिन भर बिना जल ग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करेंगे। उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर आएंगे। जब तक चांद नजर आए तब तक पानी पीएंगे और फिर उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जाएगा।
तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को फल और कंद-मूल से अर्घ्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे दिन फिर व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देंगे। उसके बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत और महापर्व का समापन हो जाएगा।
पटना में 26 घाटों पर मनेगा महापर्व
पटना शहरी क्षेत्र स्थित कुल 26 घाटों पर चैती छठ का आयोजन होगा। इन 26 घाटों को छठ पर्व के लिए जिला प्रशासन ने उपयुक्त घोषित किया गया है। प्रशासन की ओर से कुल 24 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। इन खतरनाक घाटों पर आमजनों का प्रवेश निषेध रहेगा।