पटना। राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव पर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान गलत शपथ पत्र दाखिल कर संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप है। हसनपुर विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह प्रभारी भूमि सुधार उप समाहर्ता एसडीओ ब्रजेश कुमार के आवेदन पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 (क) के अधीन रोसड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है।
प्राथमिकी दर्ज कराने के दिए गए आवेदन में बताया गया है कि बिहार विधानसभा निर्वाचन 2020 के द्वितीय चरण की अधिसूचना के अंतर्गत हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से 13 अक्तूबर 2020 को आरजेडी अभ्यार्थी के रूप में तेज प्रताप यादव ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र में संपत्ति छिपाने की शिकायत बिहार प्रदेश जदयू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार से की थी। उसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उस शिकायत की प्रति भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजी थी।
निर्वाचन आयोग ने जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को लिखा। सीबीडीटी ने इस मामले की जांच की, तो तेज प्रताप की ओर से शपथ पत्र में दी गई जानकारी गलत पायी गई। संपत्ति सब-रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड में तेज प्रताप यादव के नाम पंजीकृत है, जो शपथ पत्र में उल्लिखित परिसंपत्तियों से मेल नहीं खाती है।
सीबीडीटी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर निर्वाचन आयोग की ओर से आरजेडी नेता को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन निर्धारित समय सीमा के अंदर तेज प्रताप यादव ने जवाब नहीं दिया। उसके बाद हसनपुर विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह प्रभारी डीसीएलआर अनुमंडल पदाधिकारी रोसड़ा को तेज प्रताप यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया।