- पीटी परीक्षा की सीबीआई जांच और अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग
- जेपीएससी 7वीं से 10वीं पीटी परीक्षा में भारी गड़बड़ी का लगाया आरोप
रांची। जेपीएससी पीटी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से 15 दिसंबर को मिला। मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें जेपीएससी द्वारा आयोजित 7वीं से 10वीं प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों के बाद उजागर भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने और आयोग के वर्तमान अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग की गई है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि राज्य के होनहार युवक-युवतियां आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि सरकार पुलिसिया रौब और मुकदमों से दबाकर इनका भविष्य खराब करना चाहती है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से अनुरोध किया कि आयोग के अध्यक्ष को बर्खास्त कर पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, प्रदेश मंत्री और विधायक नवीन जायसवाल, प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू, विधायक भानु प्रताप शाही और सोशल मीडिया सह प्रभारी राहुल अवस्थी शामिल थे।
ज्ञापन में पीटी परीक्षा में गड़बड़ी से संबंधित बिंदु
1. प्रारंभिक परीक्षा में आयोग द्वारा जारी CUT-OFF से कम अंक लाने वाले कई छात्रों को पास कर दिया गया। अधिक अंक लाने वालों को फेल कर दिया गया।
2. इस प्रारंभिक परीक्षा में यह भी देखा गया कि कई परीक्षा केंद्रों से क्रमवार रोल नम्बर से छात्र पास हुए। इसमें मुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री के क्षेत्र के परीक्षा केंद्र शामिल थे। उन परीक्षा केंद्रों पर CCTV भी नहीं था। ना ही प्रशासन द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।
3. जब भाजपा के विधायक, कार्यकर्ता और अभ्यर्थियों ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाई तो राज्य सरकार के इशारे पर उनपर लाठीचार्ज कर मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया।
4. पार्टी द्वारा आंदोलन करने और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश द्वारा गड़बड़ियों को जनता के सामने लाने के बाद आयोग ने दबाव में आकर रिजल्ट जारी होने के 40 दिन बाद 49 छात्रों को फेल कर दिया, जिन्हें पास घोषित किये गये था। इस तर्क दिया गया कि इनका OMR Sheet ( Answer Sheet) आयोग के पास है ही नहीं। तब सवाल यह है कि आखिर इतने बच्चों की OMR Sheet गया कहां और किन अधिकारियों की मिलीभगत से इनका OMR Sheet गायब हुआ।
5. आयोग ने खुद अपनी परीक्षा नियमावली का भी पालन नहीं किया है, जिसकी कंडिका 30 में यह साफ है कि प्रारंभिक परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों का OMR आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करना है, जो अब तक नहीं किया गया है।
6. सूचना है कि प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न परीक्षा आयोजित होने के पूर्व ही व्हाट्सएप्प पर वायरल हो गये थे, जिससे इस परीक्षा की पारदर्शिता बिल्कुल समाप्त हो जाती है।