- कर्मचारियों के नाम खरीदी गई महंगी गाड़ियां
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कई राज्यों में स्थित दो समूहों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। पहला समूह डिजिटल मार्केटिंग और अभियान प्रबंधन से जुड़ा है। इसके बंगलुरू, सूरत, चंडीगढ़ और मोहाली में स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया है।
विभाग को मिले आपत्तिजनक साक्ष्यों से पता चलता है कि समूह एक एंट्री ऑपरेटर का उपयोग करके आवास प्रविष्टियां प्राप्त करने से जुड़ा हुआ है। एंट्री ऑपरेटर ने हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से समूह की नकदी और बेहिसाबी आय के हस्तांतरण को सुगम बनाने की बात स्वीकार की है। व्यय को बढ़ा-चढ़ाकर और राजस्व की कम सूचना दिए जाने का भी पता चला है।
यह समूह बेहिसाबी नकदी भुगतान में संलिप्त पाया गया है। यह भी पाया गया है कि निदेशकों के व्यक्तिगत खर्चों को बहीखातों में व्यवसायिक व्यय के रूप में दर्ज किया गया है। निदेशक और उनके परिवारजनों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले विलासितापूर्ण वाहनों की कर्मचारियों और एंट्री प्रदाता के नामों से खरीद की गई है।
दूसरर समूह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ा है। इसमें ठोस अपशिष्ट संग्रह, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान सेवाएं शामिल हैं। मुख्य रूप से भारतीय नगरपालिकाओं को सेवाएं देता है।
तलाशी लेने के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, खुले कागज और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त किया गया है। प्राप्त साक्ष्यों से पता चलता है कि यह समूह व्यय और उप-संविदाओं के लिए नकली बिल की बुकिंग से जुड़ा हुआ है। एक प्रारंभिक अनुमान के अनुसार बुक किए गए ऐसे नकली व्यय 70 करोड़ रुपये के बराबर के हैं।
तलाशी की कार्रवाई में लगभग सात करोड़ रुपये की संपत्ति में बेहिसाबी निवेश का पता चला है। इसके अतिरिक्त तलाशी की कार्रवाई में 1.95 करोड़ की बेहिसाबी नकदी और 65 लाख रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं।
तलाशी अभियान 12 अक्तूबर, 2021 को चलाया गया। दोनों समूहों की आगे की जांच जारी है।