फर्जी डिग्रियों के सहारे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच का बना अधीक्षक

अपराध बिहार
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पटना। बिहार में फर्जी डिग्री का मामला हमेशा से सुर्खियों में रहा है। यहां की डिग्रियों पर जल्द कोई विश्वास नहीं करता। अब नया मामला बिहार के सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पीएमसीएच से है। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. इंद्र शेखर ठाकुर पर फर्जी तरीके से डिग्री प्राप्त करने का आरोप लगा है।

तेजस्वी यादव की स्वयंसेवी संस्था से जुड़े और राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अनुज किशोर प्रसाद ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को पत्र लिखकर पीएमसीएच के वर्तमान अधीक्षक को बर्खास्त करने की मांग की है। अनुज किशोर प्रसाद ने आवेदन में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कहा कि डॉ.चंद्रशेखर ठाकुर ने फर्जी तरीके से लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमएस की डिग्री प्राप्त की है। एमएस की डिग्री के लिए उन्होंने जो आवासीय प्रमाण पत्र दिया है, उसमें वो लखनऊ के निवासी बताये गये हैं, जबकि वो मूलतः बिहार के निवासी हैं और जिस समय उन्होंने एमएस की डिग्री हासिल की है, उस दौरान स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार में मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे।

अधीक्षक पर आरोप है कि 17-08-1985 से 14-10-1986 तक बतौर चिकित्सा पदाधिकारी वो मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में पदस्थापित थे और इस दौरान उन्होंने वेतन के साथ-साथ छात्रवृत्ति भी प्राप्त की। जो सरकारी राशि का गबन और फर्जीवाड़ा भी है। छात्रवृत्ति और वेतन वाले मामले में वो पूर्व में निलंबित भी हो चुके हैं। इसके साथ एमएस करने की अवधि के दौरान इन्होंने तीन तरह के अंक प्राप्त किए। पहला ग्रामीण अंक, दूसरा एमएस के लिए 4 अंक और तीसरा एमएस की अवधि में बिताये गये रेजिडेंसी के दो अंक मिले। सभी अंक फर्जी तरीके से प्राप्त किये गये। इस तरह से यह प्रोफेसर नहीं बन सकते हैं। बावजूद इसके वह सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हैं।