नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला और दो अन्य को अपने ऊपर लगाए गए 20 लाख के जुर्माने से राहत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने तीनों को निर्देश दिया कि वे एक हफ्ते के भीतर इस रकम का भुगतान कर दें।
5G वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देते हुए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए उन पर यह जुर्माना लगाया गया था। जस्टिस जेआर मिड्ढा ने कहा कि अदालत वादियों के आचरण से हैरान है। उन्होंने कहा कि चावला और साथी याचिकाकर्ता सम्मान के साथ जुर्माने की रकम जमा कराने के इच्छुक तक नहीं हैं।
जस्टिस मिड्ढा ने बुधवार को अपने रिटायरमेंट से पहले अभिनेत्री की ओर से दाखिल तीन आवेदनों पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। इनमें अदालती फीस की वापसी, जुर्माने में छूट और फैसले में खारिज शब्द को अस्वीकार करने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने बेहद उदार रवैया अपनाते हुए जूही चावला पर कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं दायर किया, अन्यथा केस बनता था।
चावला की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मीत मल्होत्रा ने जुर्माना भरने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा, जिस पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने सुनवाई 12 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। कोर्ट ने कहा था कि याचिका खामियों से भरी, कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग और प्रचार पाने के लिए दायर की गई थी।