हेमंत सरकार में दलितों पर हो रहा अत्याचार : अमर बाउरी

झारखंड
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  • 18 जून को राज्यपाल से लगाएंगे गुहार

रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार राजधर्म को छोड़कर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। राज्य में वैसे लोग जो अपराधिक घटना को अंजाम दे रहे हैं, यदि वह हेमंत सोरेन की सरकार के वोट बैंक से ताल्लुक रखते हैं तो उनके ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई पुलिस प्रशासन या फिर जिला प्रशासन के तरफ से नहीं होती है। इस बात का उदाहरण राज्य में हो रहे दलितों के ऊपर अत्याचार बखूबी बयान कर रही है। उक्त बातें चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के सभागार में प्रेस से कही।

बाउरी ने कहा कि डेढ़ वर्ष में भी भूखल घासी और उसके परिवार को न्याय नहीं मिल सका है। वर्तमान की घटना में साहेबगंज में मुख्यमंत्री प्रतिनिधि द्वारा जमीन लूट का है। उन्होंने बताया कि साहेबगंज के दिनेश पासवान की एसडीओ कार्यालय के समीप पुस्‍तैनी जमीन है, जिसे अपने पावर के बल पर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने हड़प ली। पंकज मिश्रा ने जमीन हड़प कर वहां अपना आलीशान बंगला बनवा रहे है। जब इसका विरोध दिनेश पासवान ने किया, तब जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने गलत केस में फंसा कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पूर्व मंत्री ने कहा कि चाईबासा के मझगांव प्रखंड के हतनादौरा में हरिजन बस्ती की है, जहां हरिजन करुआ परिवार के लोग रहते है। ये लोग साफ सफाई का काम करते है। इनके साथ 21 मई, 2021 को अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने सफाई करने नहीं आने के कारण मारपीट की। जिसमे दर्जनों की संख्या में लोग घायल हो गए। घायलों में महिलाएं, बच्चे और पुरुष भी शामिल थे। घटना की जानकारी होने के बाद क्षेत्र के डीएसपी इस मामले को डरा धमका कर दबाने में लगे हुए है। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जामताड़ा के चिरुडीह के तुरी परिवार के साथ भी मारपीट कर उनकी जमीन हड़पने की घटना घटी है। अल्पसंख्यक समाज उस गांव में बहुतायत है, इस कारण तुरी परिवार के जमीन को हड़प लिया है। उन्होंने बताया कि भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने तुरी परिवार को न्याय दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ी। मोर्चा के प्रयास के बाद अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय आयोग के उपाध्यक्ष दौरे पर आ कर मामले की जांच की और पूरी घटना को सत्य पाया। आयोग के समक्ष जिला प्रशासन ने आरोपियों की 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की बात कही, लेकिन आज तक मुख्य आरोपी रमजान मियां और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है। जबकि राष्ट्रीय आयोग के आने की जानकारी मिलने के बाद आनन फानन में केस दर्ज किया गया। फिलहाल पीड़ित परिवार रैन बसेरा में रहने को मजबूर है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उक्त सभी घटनाओं में एससी एसटी एक्ट के तहत जो केस दर्ज होना चाहिए था वो नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जेएमएम को जमीन से प्रेम है। लेकिन दलितों की जमीन को हड़पने जैसी घटना दर्शाता है कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हो गयी है। दलित समाज आज निराश है और अपनी जान की रक्षा के लिए लड़ रही है। 

प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उक्त सभी घटनाओं में पीड़ित दलित परिवार पर कोई आंच नहीं आये इसकी जिम्मेदारी सरकार ले। उन्होंने बताया कि 18 जून को 11.30 बजे पूर्वाहन राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। उन्हें इन सभी घटना से अवगत करवाएंगे, ताकि उनके हस्तक्षेप से दलित परिवार को न्याय मिल सके। आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जा सके। 

बाउरी ने कहा कि मोर्चा को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का निर्देशन प्राप्त है और उनके नेतृत्व में यह लड़ाई लड़ी जाएगी। जब तक दलितों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक सड़क से सदन तक लड़ाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी ऐसे घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक, एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष  प्रभात भुइंया, उपाध्यक्ष विमल बैठा एव महामंत्री रंजन पासवान उपस्थित थे।