नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण पीड़ित व्यक्ति से जहां अपने भी मुंह मोड़ ले रहे हैं, वहीं तमाम ऐसे लोग भी हैं जो किसी की जान बचाने के लिये हरसंभव मदद के लिये आगे आ रहे हैं। कहना गलत न होगा कि यह महामारी जहां न चाहते हुए भी ‘रिश्तों’ में दूरी का कारण बन रही,तो दूसरी ओर मानवता और मानवीय रिश्तों को भी मजबूती मिली है। कोरोना संक्रमण के इस बुरे दौर में मानवता को मजबूती देने वालों में एक चेहरा राजीव मिश्र का भी है।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बसंतपुर गांव के निवासी राजीव मिश्र अपरिचित व्यक्ति को प्लाज्मा देने के लिये 1600 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में प्लाज्मा दान करने के उद्देश्य सेे बलिया से बागपत पहुंचकर एक कोरोना मरीज की जान बचाई।इतना ही नहीं, राजीव अभी तक 70 बार रक्त दान कर चुके हैं।
राजीव न सोमवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि बीते दिनों एक शाम उन्हें फोन आया। यह फोन किसी सुरेश नाम के व्यक्ति का था जो हरियाणा के बागपत से बोल रहा था और उसके भाई को बागपत के एक निजी अस्पताल में प्लाज्मा की जरूरत थी। राजीव ने कहा कि सुरेश के बड़े भाई को कोरोना था जिसे प्लाज्मा थेरेपी की सख्त जरूरत थी। उन्होंने कहा कि सुरेश की व्यथा सुनकर वो फौरन बागपत के लिए निकल गए और सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्लाज्मा दान किया।
उन्होंने कहा कि जब अस्पताल में लोगों को पता चला की कोई व्यक्ति 1600 किलोमीटर की यात्रा कर प्लाज्मा दान करने आया है तो लोग मिलने आने लगे। राजीव ने कहा कि उन्होंने वहां भी लोगों से अनुरोध किया की रक्तदान अभियान मे बढ़चढ़ कर हिस्सा लें। कोई भी व्यक्ति 1 बार रक्त दानकर 3 से 4 लोगों के जीवन बचा सकता है।
राजीव ने कहा कि उनके भाई की जान सिर्फ इस लिए चली गई थी क्योंकि उन्हें समय पर रक्त नहीं मिल पाया था। तभी से उन्होंन नियमित रक्तदान का संकल्प लिया। राजीव ने कहा कि वो बीतें वर्षों में नेपाल सहित कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा कर 70 बार रक्त दान कर चुके हैं। राजीव मिश्रा ने अभी तक रक्तदान करने के उद्देश्य से 55410 किलोमीटर की यात्रा की है।