जेपी नड्डा ने धर्मपुर व बिलासीपारा में दो जनसभाओं को संबोधित किया

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गुवाहाटी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन असम में प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाने जा रही है। असम की जनता ने कांग्रेस-बदरुद्दीन अजमल के नापाक गठबंधन को सिरे से खारिज कर दिया है। अगले पांच वर्षों में हम असम को बाढ़-मुक्त प्रदेश बनायेंगे। 

यह बातें मंगलवार को असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर धर्मपुर और बिलासीपारा में आयोजित दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कही। उन्होंने कहा कि गत पांच वर्षों में हमने असम में सत्र भूमि और काजीरंगा को अवैध घुसपैठ से मुक्त कराया है और गैंडों के शिकार पर भी पाबंदी लगी है। अब गैंडे तो बच गए हैं लेकिन कांग्रेस का ख़त्म होना तय है। उन्होंने कहा, असम में कांग्रेस घुसपैठ, भ्रष्ट्राचार और तुष्टिकरण का पर्याय बन कर रह गई है। जबकि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बिगत पांच वर्षों में ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के सूत्र को जमीन पर चरितार्थ कर के दिखाया है।

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस मानसिक रूप से दिवालियेपन की शिकार हो गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि, केरल में कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ चुनावी लड़ रही है तो, पश्चिम बंगाल में उसने फुरफुरा शरीफ और असम में बदरुद्दीन अजमल के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी कहते हैं कि असम की पहचान बदरुद्दीन अजमल हैं। असम की पहचान गोपीनाथ बोरदलै, भूपेन हजारिका, श्रीमंत शंकरदेव और श्रीमंत माधवदेव जैसे महान व्यक्तित्व हैं। उन्होंने कहा, जो समाज को बांटने की राजनीति करे, अवैध घुसपैठ का समर्थन करे, वह बदरुद्दीन अजमल कभी भी असम की पहचान नहीं हो सकते।

जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव समाज को जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर बांट कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की। कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण अहम है जबकि, भाजपा के लिए असम की संस्कृति और भाषा का सम्मान एवं संरक्षण ही धर्म है। उन्होंने कहा कि एक ओर हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में असम के विकास के लिए काम करने वाले लोग हैं तो दूसरी ओर नारा लगाकर लोगों को धोखा देने निकली कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है कि जुमलेबाजी और प्रगति में अंतर होता है, यही तो हम भी कहना चाहते हैं। गरीबी हटाओ का जुमला इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी जीने जिया लेकिन उन्होंने गरीबों के सशक्तिकरण के लिए कुछ भी नहीं किया।

कांग्रेस ने ही कहा था कि शासन उन्हें दो जो शासन कर सके। इसलिए जनता आज भाजपा को अपना आशीर्वाद दे रही हैं जो सच्चे अथों में जनता की सेवा को ही अपना धर्म समझती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, आजकल कांग्रेस पार्टी के नेता असम में पॉलिटिकल टूरिस्ट बन कर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता आते हैं और चाय बागान के बैकग्राउंड के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट करते हैं। लेकिन, जब उन तस्वीरों की पड़ताल होती है तो वह चाय बागान कभी ताइवान का निकलता है तो कभी श्रीलंका का। हाल ही में भारत को बदनाम करने के लिए एक इंटरनेशनल टूलकिट आया था। उस टूलकिट में भारत की चाय और भारत के योग को बदनाम करने की साजिश थी। जिन लोगों ने टूलकिट की साजिशें रचीं, उन लोगों को संरक्षण देने का काम कांग्रेस पार्टी कर रही थी। हमें ऐसे लोगों को करारा जवाब देना है।

नड्डा ने कहा, हमारी सरकार बनने पर हम दो लाख सरकारी नौकरियों और प्राइवेट सेक्टर में 8 लाख रोजगार का सृजन करेंगे। एक लाख सरकारी नौकरियां तो हम अगले एक साल में ही उपलब्ध करा देंगे। सर्वानंद सोनोवाल और डॉ हिमंत विश्वशर्मा के नेतृत्व में पांच वर्षों में असम में भाजपा की सरकार का काम कांग्रेस के 50 साल के शासन पर कहीं भारी है। कांग्रेस को चाय बागानों की प्रगति इसलिए नहीं दिखती क्योंकि वे अपने 15 साल के शासन में कुछ कर ही नहीं पाई। अभी हाल ही में कांग्रेस की एक नेत्री आई और चाय बागान में पत्ती तोड़ने का फोटो-ऑप कराने लगी जबकि अभी तो चाय की पत्तियां तोड़ने का समय ही नहीं आया। जब पता नहीं तो फिर एक्टिंग क्यों? अब समय आ रहा है, पत्तियां भी टूटेंगी और वोट भी भाजपा के पक्ष में आयेगा।

उन्होंने बताया कि अरुणोदय योजना के तहत हम असम की 30 लाख बहनों का आर्थिक सशक्तिकरण करेंगे। असम के सभी नामघरों को ढाई-ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। आठवीं कक्षा से छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जायेगी। असम में पुनः हमारी सरकार बनने पर परिसीमन किया जाएगा। जब केंद्र और असम, दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तो 13वें वित्त आयोग के दौरान असम को केंद्रीय अनुदान के तौर पर महज 80,000 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि 14वें वित्त आयोग के दौरान मोदी सरकार में असम को 1,55,000 करोड़ रुपये दिए गए। ज्ञात हो कि बरसात की वजह से गुवाहाटी में आयोजित तीसरी जनसभा में जेपी नड्डा हिस्सा नहीं ले पाए।