सुंदरम कुमार
गुमला। फिया फाउंडेशन के तत्वावधान में चैनपुर प्रखंड मुख्यालय के कौशल विकास भवन में मंगलवार को वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत स्वयंसेवकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वन अधिकार अधिनियम के तहत अधिकारों की जानकारी प्रदान करना था।
प्रशिक्षण में बताया गया कि प्रत्येक राजस्व गांव में जहां वन क्षेत्र है, वहां वन अधिकार समिति का गठन किया जाएगा। इसके तहत विभिन्न प्रकार के अधिकारों को विस्तृत रूप से समझाया गया। इसमें व्यक्तिगत आवेदन, सामुदायिक आवेदन, वन संसाधनों के अधिकार, पर्यावास के अधिकार, और विकास के अधिकार शामिल थे।प्रशिक्षण में यह भी स्पष्ट किया गया कि व्यक्तिगत दावे के लिए कौन से पत्रों की आवश्यकता होगी। सामुदायिक अधिकारों के लिए भी आवेदन की प्रक्रिया को समझाया गया।
विशेष रूप से यह जानकारी दी गई कि आदिवासी एवं अन्य पारंपरिक वन निवासियों को इस कानून के तहत 13 दिसंबर, 2005 से वन भूमि पर निवास या खेती करने का अधिकार है। सामुदायिक अधिकार के लिए आवेदन में ‘प्रपत्र ख’ और ‘प्रपत्र ग’ का उपयोग किया जाएगा। ‘प्रपत्र ख’ में सामुदायिक अधिकार और निस्तार का अधिकार, जबकि ‘प्रपत्र ग’ में वन संसाधन पारंपरिक पहुंच तक के अधिकार के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन फिया फाउंडेशन के प्रखंड समन्वयक ललित महतो ने किया। इस अवसर पर 15 गांवों के 50 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इसमें रामपुर मुखिया दीपक खलखो, प्रियंका असुर, पूर्व मुखिया कमल केरकेट्टा, और फिया फाउंडेशन की ऊषा मिंज, सृष्टि खलखो, संजय टोप्पो, संजीत असुर, अंतू भगत, राकेश टोप्पो, और ललिता देवी शामिल थे।
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