विवेक चौबे
गढ़वा। मंदिर में शादी की पूरी तैयारी थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम पहुंच गई। इसके बाद हल्दी और शादी की रस्म टल गई। वर और वधू पक्ष को वापस लौटना पड़ा।
झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड का है। यहां स्थित प्रसिद्ध सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल में सोमवार को एक प्रेमी जोड़ी की शादी होनी थी। इसकी सूचना मिलने पर कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी जोहन टुड्डू और थाना प्रभारी नीतीश कुमार दल-बल के साथ पहुंचे।
बता दें कि यह मामला कांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत हरिगावां गांव की है। उक्त गांव निवासी लल्लू तातो की पुत्री अमृता कुमारी और पलामू जिले के कुकही गांव निवासी लालमुनि तातो के पुत्र दीपक कुमार के बीच करीब 1 वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दीपक हरिगावां गांव में अपनी दादी के पास रहता है।
जानकारी के अनुसार दीपक की शादी उक्त गांव में ही किसी अन्य के घर तय हो गयी थी। मई में शादी होनी थी। इसी बीच दीपक को अमृता के घर वालों ने घर में ही रविवार की रात बंद कर दिया। सुबह होते ही लड़की पक्ष और ग्रामीणों ने जबरदस्ती शादी कराना चाहा।
दीपक के माता-पिता बाहर मजदूरी करते हैं। अभिभावक की अनुपस्थिति में शादी होने से लड़का पक्ष वालों ने इंकार किया। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा गाड़ी बुक कर लड़का और लड़की को सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल में शादी के लिए ले जाया गया।
शादी की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर तहकीकात की। श्री टुड्डू ने दोनों पक्ष से लड़का और लड़की का उम्र प्रमाण पत्र मांगा। थाना प्रभारी ने कहा कि लड़की की उम्र का प्रमाण होना आवश्यक है। कम उम्र में शादी करना कानून जुर्म है। उम्र का कोई प्रमाण नहीं मिलने से शादी रोक दी गई।