पानी की व्‍यवस्‍था करने में पुरूष रहे उदासीन तो महिलाओं ने उठाया जिम्‍मा

झारखंड
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  • तपती गर्मी में श्रमदान कर मुरहू नाला पर बनाया बोरीबांध

खूंटी। जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत जिले के मुरहू प्रखंड में पहली बार कोड़ाकेल पंचायत के गुरमी गांव में महिलाओं ने तपती गर्मी में मुरहू नाला के होम्बा दिरी के पास श्रमदान कर बोरीबांध का निर्माण किया। इस स्थान पर गुरमी समेत मुरहू, चमराटोली और गजगांव की महिलाएं नहाने और कपड़े धोने आती हैं। साथ ही यहां सुबह-शाम चरवाहे मवेशियों को पानी पिलाने लाते हैं। हालांकि प्रचंड गर्मी के कारण यहां पानी लगातार घटता जा रहा था।

गांव के पुरूष जब महिलाओं के लिए पानी की व्यवस्था करने के प्रति उदासीन नजर आए, तब रविवार को महिलाओं ने बैठक कर बोरीबांध का निर्माण करने का निर्णय लिया। सेवा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा शुरू किए इस अभियान का संचालन अब सामुदायिक सहयोग से किया जा रहा है। अभियान के तहत महिलाओं को सीमेंट की खाली बोरियां उपलब्ध कराई गई।

सोसाईटी के अध्यक्ष द्वारा महिलाओं को बोरीबांध बनाने का तरीका बताया गया। मुखिया मरियम होरो को जब महिलाओं द्वारा पानी के लिए किए जा रहे संघर्ष का पता चला, तब वे भी होम्बा दिरी पहुंचीं। महिलाओं का उत्साहवर्द्धन करने के साथ उनकी प्रसंसा कीं।

बोरीबांध के निर्माण में प्यारी तोपनो, राहिल तोपनो, बेरोनिका तोपनो, नीतिर तोपनो, जीवानी तोपनो, प्रतिमा सोय, जिनिद सोय, अनिता सोय, मरियाम सोय, विश्वासी सोय, सलोमी सोय, शांति प्रभा सोय, बिनीता सोय, अदिति सोय, मरियम सोय, पौलीना समेत अन्य महिलाओं ने श्रमदान किया।

इस अवसर पर प्‍यारी तोपनो ने कहा कि पानी के लिए हम महिलाएं काफी चिंतित थे। होम्बा दिरी में पानी लगभग समाप्ति की ओर था। अब बोरीबांध नहीं बनता तो गुरमी समेत चार गांवों की महिलाओं को नहाने-धोने के पानी के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती। हमलोगों ने बोरीबांध बनाया। अब नहाने-धोने के लिए पानी समस्या नहीं होगी।

मुखिया मरियम होरो ने कहा कि कोड़ाकेल पंचायत क्षेत्र में अब तक घघारी, पंचघाघ, कटहलटोली समेत गुरमी गांव में जल संरक्षण व संचयन के लिए बोरीबांध बनाए गए हैं। अभी पंचायत के बम्हनी और गुरमी गांव के सीमान पर बनई नदी पर बोरीबांध का निर्माण किया जाएगा।

बिनीता सोय ने कहा कि जनशक्ति से जलशक्ति अभियान से जुड़कर हमलोगों ने बोरीबांध बनाया। अब हमारे नहाने-धोने के साथ मवेशियों को पानी पिलाने में आसानी होगी। पहले पुरूषों के नहाने के लिए तो पानी था, महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती थी। अब समस्या खत्म हो गई है।

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