नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार यानी 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले राजनीतिक दलों के नेता शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा के लिए शनिवार को बैठक कर रहे हैं।
बता दें कि, यह बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन समेत अन्य वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं।
आयोजित इस बैठक का मकसद शीतकालीन सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए रणनीति बनाना और विधायी एजेंडा तय करना है। संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 15 बैठकें होंगी। संसद में 37 विधेयक लंबित हैं। सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने समेत प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर भी इस शीतकालीन सत्र में चर्चा हो सकती है। इस विधेयक के पारित होने के बाद चुनाव आयुक्त का स्टेटस कैबिनेट सचिव स्तर का हो जाएगा, जबकि अभी चुनाव आयुक्त का स्टेटस सुप्रीम कोर्ट जज के बराबर माना जाता है।
सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध है। इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता और सांसद महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।