नई दिल्ली। कारगिल विजय दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश को सख्त संदेश देते हुए कहा कि यदि भारत की ओर नजर उठा कर देखा गया, तो सेना नियंत्रण रेखा को पार कर दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देगी।
राजनाथ ने बुधवार को विजय दिवस के मौके पर यहां कारगिल के द्रास में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सेना 1999 में ही विजय के बाद नियंत्रण रेखा को पार कर सकती थी, लेकिन भारत की शांतिप्रिय देश की विचारधारा, भारतीय मूल्यों में विश्वास और अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति वचनबद्धता के कारण उस समय यह कदम नहीं उठाया गया।
राजनाथ ने कहा, ‘‘उस समय अगर हमने LoC पार नहीं किया, तो इसका मतलब यह नहीं कि हम LoC पार नहीं कर सकते थे। हम LoC पार कर सकते थे, हम एलओसी पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी, तो भविष्य में एलओसी पार करेंगे।
मैं इसे फिर से दोहराना चाहूंगा, कि हम LoC पार कर सकते थे, हम LoC पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी, तो भविष्य में LoC पार करेंगे, इसका मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं।” रक्षा मंत्री ने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राष्ट्र का मान-सम्मान और इसकी प्रतिष्ठा सरकार के लिए किसी भी चीज से ऊपर है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है।
मौजूदा वैश्विक परिद्दश्य में कुछ देशों में युद्ध के अत्यधिक लंबा चलने का हवाला देते हुए उन्होंने देशवासियों से सेनाओं के सहयोग के लिए हर समय तत्पर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब हर देशवासी को सैनिक की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि कोई भी युद्ध केवल सेनाओं के बीच ही नहीं होता उन देशों की जनता के बीच भी युद्ध होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध में सिर्फ सेना ही नहीं लड़ती बल्कि कोई भी युद्ध दो राष्ट्रों के बीच होता है, उनकी जनता के बीच होता है। आप देखिए, कि किसी भी युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से सेनाएँ तो भाग लेती ही हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आप देखें, तो उस युद्ध में किसान से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक व कई सारे पेशों के लोग शामिल होते हैं।”
राजनाथ ने कहा कि जिस तरह से युद्ध लंबे खींचते जा रहे हैं आने वाले समय में जनता को अप्रत्यक्ष रूप से ही नहीं प्रत्यक्ष रूप से भी युद्ध में शामिल होने के लिए तैयार रहना चाहिए। राजनाथ ने कहा, ‘‘मेरा यह मानना है, कि जनता को इस बात के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना होगा, कि जब भी राष्ट्र को उनकी आवश्यकता पड़े, वह सेना की सहायता के लिए तत्पर रहें।
इसलिए मैं देश की जनता से यह कहना चाहता हूं, कि जिस प्रकार से हर एक सैनिक भारतीय है, उसी प्रकार से हर एक भारतीय को भी एक सैनिक की भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।” राजनाथ ने इस अवसर पर भारत मां के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ वीर नारियों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष तथा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी सेना तथा घुसपैठियों को खदेड़ कर विजय पताका फहराए जाने के उपलक्ष में हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।