राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के गैर जरूरी पदों को करें सरेंडर : मोना गुप्ता

झारखंड
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  • केन्दीय टीम ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बेहतरी के लिए दिए कई सुझाव
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में बैठक

रांची। नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेन्टर की सलाहकार मोना गुप्ता और लीड कंसल्टेंट स्वाति राय ने 27 जून को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में राज्य में चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यक्रमों को और बेहतर करने के लिए कई सुझाव दिए। इसके पूर्व टीम ने हजारीबाग जिले का भ्रमण किया। बैठक में निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ चन्द्र किशोर शाही, उपनिदेशक डॉ वीरेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ जॉन एफ कैनेडी, डॉ लाल मांझी, डॉ प्रदीप कुमार सिंह, डॉ डी.पी. सक्सेना ने भी राज्य और केन्द्र के बीच आवश्यक सहयोग एवं समन्वय के लिए अपने विचार रखे।

विदित हो कि नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेन्टर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए थिंक टैंक के रूप में काम करता है। इसका कार्य राज्यों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना, उसे संगठित करना, क्षमता निर्माण में नीति और रणनीति विकास में सहायता प्रदान करना है।

श्रीमती मोना गुप्ता ने कहा कि झारखंड रिसोर्स एनवेलप में किए गए बजटीय प्रावधानों की जानकारी सभी कर्मियों को हो। सबसे जरूरी काम को सबसे पहले किया जाय। उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स के रेसनलाइजेशन पर बल देते हुए कहा कि गैर-जरूरी पदों को सरेंडर करें। यदि स्थायी बहाली में विलंब हो रहा हो तो जरूरी पदों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भर्ती करें, ताकि आम जनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

मोना गुप्‍ता ने कहा कि मानव बल के भर्ती के समय उच्च मानदंडों का पालन हो और नियुक्ति के बाद उन्हें कार्य और दायित्व का भी भान हो। उन्होने कर्मचारियों के काम के आकलन के लिए बेंचमार्क बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होने कहा कि मानव बल से सिर्फ काम ही न लिया जाए, बल्कि उनके हितों का भी ध्यान रखा जाए। उन्हें समय पर मानदेय मिले। समय-समय पर मानदेय वृद्धि का भी लाभ दिया जाय।

बदलते समय के साथ मानव बल को प्रशिक्षित कर दक्ष भी बनाने की वकालत की। जिलों में अनटाईड फंड को कैसे इस्तेमाल करना है इससे संबंधित प्रशिक्षण की अवश्यकता पर भी ध्यानाकृष्ट कराया। समय-समय पर राज्य कर्मियों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के भ्रमण, कमियों के आकलन और उसके समाधान से संबंधित प्रतिवेदन देने के लिए परामर्श दिया।

श्रीमती गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मल्टीसेक्टोरल डिपार्टमेंट है, इसलिए सभी विभागों से समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता को ध्यान में रखने की बात कही। इस मौके पर राज्य कार्यक्रम प्रबंधक अनिमा किस्कु, राज्य कार्यक्रम समन्वयक अकय मिंज, मानव संसाधन कोषांग परामर्शी अवनी प्रसाद सहित सभी कार्यक्रमों के राज्य परामर्शी, समन्वयक और कार्यक्रम सहायक उपस्थित थे।

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