आदर्श स्कूल में तब्दील होगा रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय, डीपीएस भी करेगा रश्कः न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक, देखें Video

नई दिल्ली देश
Spread the love

जस्टिस डॉ एसएन पाठक के हाथों विकास कार्यों का भूमि पूजन, स्मार्ट क्लास का शुभारंभ

शिव कुमार सिंह

रांची। झारखंड की राजधानी रांची के कोकर स्थित रामलखन सिंह यादव उच्च विद्यालय के विकास को नये पंख मिल गये हैं। ढांचागत सुविधाओं से लेकर पठन-पाठन की गुणवत्ता के मानकों पर इसे आदर्श स्कूल के रूप में स्थापित करने की योजना आकार ग्रहण करने लगी है।

इस विद्यालय को इस तरह से विकसित और प्रतिष्ठा करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसके पूरा हो जाने के बाद लोग अपने बच्चों का दाखिला डीपीएस जैसे नामी प्राइवेट स्कूल को छोड़कर इसी स्कूल में कराने का सपना संजोने लगेंगे। डीपीएस जैसे प्रमुख प्राइवेट स्कूल तो इस सरकारी विद्यालय से रश्क करेंगे ही।

झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. एसएन पाठक ने गुरुवार 14 मार्च 2024 को स्कूल के नवनिर्माण की आधारशिला रखी और इस मौके पर जो सारगर्वित भाषण दिया, उसी से संदेश-संकेत मिल गया कि, इस सरकारी विद्यालय का भाग्य जग गया है। इसके सुनहरे दिन आने वाले हैं। न्यायमूर्ति डॉ. पाठक ने विद्यालय में दस अतिरिक्त कक्षाओं के भवन निर्माण का शिलान्यास किया।

साथ ही स्मार्ट क्लास का शुभारंभ भी किया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों, विद्यार्थियों के अभिभावकों और विद्यालय परिवार के तमाम सदस्यों की उपस्थिति में न्यायमूर्ति डॉ. पाठक ने कहा कि, वे इस विद्यालय को इतना विकसित होता, देखना चाहते हैं, जिससे लोग डीपीएस जैसे स्कूल को भूलाकर इस स्कूल में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए आगे आएं।

न्यायमूर्ति डॉ. पाठक ने विद्यालय के विकास को लेकर अपने सपनों को कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने विद्यालय के ढांचागत विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, जबतक उनका सपना साकार नहीं हो जाता, तबतक वे इस विद्यालय के विकास को लेकर सतत नजर बनाये रखेंगे।

उन्होंने कहा कि, वे सिर्फ इसी स्कूल का विकास नहीं चाहते, बल्कि उनका सपना है कि राज्य का हर सरकारी स्कूल विकसित होकर मॉडल स्कूल का रूप धारण करे। उन्होंने कहा कि, सरकारी स्कूलों को लेकर जनधारणा बदलनी होगी। स्कूलों के भवन से लेकर अन्य संसाधनों तक को मजबूत करना होगा, ताकि लोग अपने बच्चों का ऐसे स्कूलों में नामांकन कराकर गर्व की अनुभूति कर सकें।