नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिग्री मामले से जुड़े गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। अहमदाबाद के सेशन कोर्ट ने समन पर रोक लगाने की उनकी रिवीजन पिटिशन को खारिज कर दिया है।
केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट की तरफ से जारी किए गए पेशी के समन को चुनौती दी थी। केजरीवाल की तरफ दलील दी गई थी कि गुजरात यूनिवर्सिटी स्टेट है और स्टेट की कोई मानहानि नहीं होती है। अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने अपने फैसले में अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की रिवीजन पिटिशन खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग को नकार दिया है।
ऐसे में केजरीवाल और पार्टी के सांसद संजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दोनों नेताओं पर अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का दबाव बढ़ गया है।
अहमदाबाद के सेशन कोर्ट में एडीशनल सेशन जज जे एम ब्रह्मभट्ट ने फैसला सुनाते हुए मानहानि के इस आपराधिक मामले में समन से राहत देने से इनकार करते रिवीजन पिटिशन खारिज कर दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के सांसद संजय सिंह ने अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट द्वारा भेजे गए समन को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी।
इसमें केजरीवाल की तरफ से दलील दी गई कि गुजरात यूनिवर्सिटी राज्य सरकार के अधीन है। ऐसे में स्टेट होने के कारण वह मानहानि का केस नहीं कर सकती है। केजरीवाल की इस दलील पर गुजरात यूनिवर्सिटी ने कहा कि उसके सारे फैसले सरकार नहीं करती है। ऐसे में उसे स्टेट में नहीं रखा जा सकता है।
पिछली सुनवाई पर सेशन कोर्ट में दलीलें पूरी हो गई थीं। ऐसे में आज गुरुवार को समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की रिवीजन एप्लीकेशन को खारिज करते हुए सेशंस कोर्ट ने झटका दिया है।
अहमदाबाद के जिस कोर्ट में मानहानि का केस चल रहा है। उसमें अगली सुनवाई 23 सितंबर को होनी है। सेशन कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल के वकील ओम कोटवाल ने कहा कि वे ऑर्डर की कॉपी देखने के बाद आगे की कानूनी विकल्पों पर फैसला लेंगे।