KISS-डीयू का तीसरा दीक्षांत समारोह, 302 से विद्यार्थियों को मिली डिग्री

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  • भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी: राज्यपाल रघुवर दास

भुवनेश्वर। कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस (KISS-डीयू) ने तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया। मौके पर लगभग 302 से अधिक विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री दी गई।

समारोह के मुख्य अतिथि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की उन्नति और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाना है तो आदिवासियों का विकास जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस शैक्षिक संस्थान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम (ऋषिकेश) के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी और एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष शोपनेन्दु महंती आदि को मानद डी लिट की डिग्री प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने छात्रों से कहा कि वे अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए माता-पिता और मातृभूमि की सेवा को नहीं भूलें। पढ़ लिखकर कीस के छात्र चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें।

जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया। कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

शोपनेन्दु महंती ने अपने अनुभव को साझा किया। भविष्य में कीस के छात्रों के कोच बनने की बात कही ।

आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास का प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं। जिन छात्रों ने आज पदक जीता, वे कल समाज के आदर्श बनेंगे।

समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ. रिकी जी. केज ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तब हो सकता है, जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे।

कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और कुलसचिव डॉ पी के राउतराय ने भी अपने-अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट -कीस की अध्यक्षा शाश्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौके पर उपस्थित थे।

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