मणिपुर। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर हिंसा भड़क गई है। मणिपुर के कांगपोपकी जिले में मंगलवार की सुबह प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों ने कुकी जनजाति के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इन हत्याओं के बाद एक बार फिर से इलाकों में तनाव बढ़ गया है।
बीते कुछ महीनों से राज्य में बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘घटना की सूचना मिलते ही असम राइफल्स और राज्य पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे। फिर फायरिंग रुक गई। फोर्स के पहुंचते ही हथियारबंद हत्यारे भाग निकले।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की सुबह मणिपुर के कांगपोपकी जिले में प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के उग्रवादियों ने कुकी समुदाय के तीन आदिवासियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी।
उन्होंने कहा कि हमलावर एक वाहन में आए थे। इंफाल पश्चिम और कांगपोपकी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में स्थित इरेंग और करम इलाकों के बीच ग्रामीणों पर हमला किया। यह गांव पहाड़ों में स्थित है और यहां आदिवासी लोगों का वर्चस्व है।
बता दें कि, इससे पहले 8 सितंबर को टेंग्नौपाल जिले के पल्लेल में हिंसा भड़की थी। इस घटना में तीन लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे। मणिपुर में 3 मई से बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं और अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जबकि नागा और कुकी समेत आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।