ISRO ने भारत के पहले सूर्य मिशन को लेकर दिया बड़ा अपडेटः जानें सूर्य के कितना करीब पहुंचा आदित्य एल-1

अन्य राज्य देश
Spread the love

बेंगलुरु। ISRO ने भारत के पहले सूर्य मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए आदित्य एल-1 पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया रविवार को तड़के सफलतापूर्वक पूरी की।

इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांडर नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) ने इस मिशन को सफलतापूर्व अंजाम दिया।

इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया (ईबीएन-3) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)-शार और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।

अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि नई कक्षा 296 किलोमीटर गुणा 71,767 किलोमीटर है। एजेंसी ने कहा कि आदित्य एल-1 की पृथ्वी की कक्षा संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर को भारतीय समयानुसार देर रात करीब दो बजे निर्धारित है।

आदित्य एल-1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (एल-1) में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी।

बता दें कि, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने दो सितंबर को आंध प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे लांच पैड से आदित्य एल-1 को सफल प्रक्षेपण किया था।

आदित्य एल-1 की कक्षा संबंधी पहली और दूसरी प्रक्रिया को क्रमश: तीन सितंबर और पांच सितंबर को सफलतापूर्व अंजाम दिया गया था। आदित्य एल-1 को लैग्रेंज बिंदु एल-1 की तरफ स्थानांतरण कक्षा में प्रवेश करने से पहले कक्षा संबंधी एक और प्रक्रिया से गुजरना होगा।