कर्मचारियों के तबादले को संघ ने बताया अवैध, सहकारी बैंक प्रबंधन को दिया अल्‍टीमेटम

झारखंड
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  • आदेश रद्द नहीं करने पर 3 अगस्‍त से मुख्‍यालय परिसर में होगा महाधरना

रांची। झारखंड राज्‍य सहकारी बैंक कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों के तबादले को अवैध बताया है। प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया। इसे अविलंब रद्द करने की मांग की। इसके रद्द नहीं होने पर अनिश्चितकालीन महाधरना देने की बात कही है।

संघ ने झारखंड राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष को मंगलवार को ज्ञापन सौंपा। इसमें कई मांगें की गई है। संघ ने कहा कि अविलंब स्थांतरण रद्द नहीं किया गया तो 3 अगस्त 2023 से मुख्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन महाधरना दिया जाएगा।

संघ के अध्यक्ष अनिल पी पन्ना ने कहा कि बैंक में बिना स्थांतरण नीति के तबादले का खेल चल रहा है। नियमों को ताक में रखकर यह काम किया जा रहा है, जो बैंक हित के विरुद्ध है।

संघ के महासचिव चंदन कुमार प्रसाद ने कहा कि मनमाने तरीके से कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का खेल चल रहा है। प्रबंधन अपने व्यक्तिगत हित को साधने का षड़यंत्र रच रहा है।

ज्ञापन देने के दौरान सुबल चंद्र मंडल, मुकेश कुमार, संजय कुमार, निखिल बंका, हीरा लाल राउत, अमित सिंह, राजीव रंजन, रजनी सिंह, पल्लवी राज, आशीष कुमार, रीता कुमारी, राजीव कुमार, नवीन सेठ, मुकेश साव, रजत कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।

ये है मांगें

1. स्थानांतरण नीति (ट्रांसफर पॉलिसी) के बिना किसी प्रकार का तबादला नहीं किया जाए, ताकि कर्मचारियों की मानसिक और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव नही पड़े। बैंक स्थानांतरण नीति स्वीकृत करते हुए तबादला करे।

2. बैंक में कर्मचारियों के शहरी और ग्रामीण पदस्थापना में उनके वेतन भत्ता में आसमानता है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों के स्थापना होने पर वे  प्रेरणाहीन हो जाते हैं। कार्य कुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को पे प्रोटेक्शन के तहत वेतन भत्ता को समान किया जाए। उसके पश्चात ही स्थांतरण किया जाए।

3. बैंक में कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद लंबे समय से एक भी प्रोन्नति नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। कर्मचारियों की प्रोन्नति के पश्चात ही नियमित (रोटेशनल) तबादला किया जाए।