Train Accident Update भुवनेश्वर। ओडिशा के बालोसोर ट्रेन हादसे में अब तक 238 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। राहत और बचाव कार्य जारी है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थल का जायजा लिया। अधिकारियों को कई निर्देश दिए। मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुताबिक ओडिशा: बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 238 लोगों की मृत्यु हुई है। लगभग 650 घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
घायलों में कई की हालत गंभीर है। ऐेसे में मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। हादसे की सूचना के बाद स्थानीय लोग भी मदद के लिए पहुंचे हैं। खून की जरूरत को देखते हुए रक्तदान करने के लिए अस्पताल में स्थानीय लोग बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि घायलों का इलाज चल रहा है। राहत और बचाव कार्य जारी है। NDRF की 7, ODRAF की 5 और दमकल विभाग की 24 टीमें स्थानिय पुलिस के साथ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि शिनाख्त किए गए शवों को या तो उनके परिजनों को सौंप दिया जा रहा है या पोस्टमॉर्टम के बाद उनके गंतव्य स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अज्ञात लोगों के लिए वैधानिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर स्थिति का जायज़ा लिया।
रेल मंत्री ने कहा कि यह बहुत बड़ी दुर्घटना है। सभी दिवंगत आत्माओं के लिए हम प्रार्थना करते हैं। कल रात से रेलवे की टीम, NDRF, SDRF बचाव कार्य में जुटी है। जिनके परिवार के सदस्यों की इस हादसे में मृत्यु हो गई, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी। रेलवे ने कल ही मुआवजे का ऐलान कर दिया था। जांच कमेटी का भी गठन किया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे, NDRF, SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी है। फिलहाल हमारा ध्यान बचाव कार्य पर है। राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही बहाली का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पहले से ही बहाली के लिए मशीने तैनात हैं।
हादसे के बारे में कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक यात्री ने कहा कि हम S5 बोगी में थे। जिस समय हादसा हुआ, उस उस समय मैं सोया हुआ था। हमने देखा कि किसी का सर, हाथ, पैर नहीं था। हमारी सीट के नीचे एक 2 साल का बच्चा था, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। बाद में हमने उसके परिवारिजन को बचाया।
एक अन्य यात्री ने कहा कि हादसे के वक्त मैं सो रहा था। जैसे ही ट्रेन पलटी तो मेरी आंख खुल गयी। मेरे ऊपर 10-15 लोग पड़े हुए थे। मैं नीचे दबा हुआ था। बाहर आकर मैंने देखा तो कई लोग मरे हुए थे। किसी का हाथ कटा हुआ था किसी का पैर कटा हुआ था। ये बहुत भयंकर मंजर था।