BAU के स्थापना दिवस पर बोले राज्‍यपाल, संसाधनों का समाज हित में हो अधिक उपयोग

झारखंड
Spread the love

रांची। राज्य के एकमात्र बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) ने सोमवार को 43वां स्थापना दिवस मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, विशिष्‍ट अतिथि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कांके विधायक समरी लाल थे। कार्यक्रम से पहले अतिथियों और कुलपति डॉ ओएन सिंह ने परिसर स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।

आपसी सहयोग पर जोर

बीएयू स्थित कृषि संकाय प्रेक्षागृह में आयोजित मुख्य समारोह का उद्घाटन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने किया। राज्यपाल ने बीएयू द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से हाल में किये गये एमओयू को सकारात्मक पहल बताया। अन्य संस्थानों से नये विषय और शोध को साझा करने एवं आपसी सहयोग पर जोर दिया।

कृषि तकनीकी पहुंचाएं

राज्‍यपाल ने किसानों के लिए बढ़िया शोध विकसित करने और पूरे विश्वास के साथ कृषि तकनीकी को उन तक पहुंचाने की बात कही। छात्रों को बेसिक कोर्स के अलावा ई बुक एवं इन्टरनेट से अधिक ज्ञान हासिल करने और प्रशासनिक सेवा की तैयारी को कहा। राज्यपाल ने कहा कि संस्थानों में संसाधनों का विकास एक प्रक्रिया है। संसाधनों के सही इस्तेमाल से सदा लाभ मिलना चाहिए। संसाधनों का समाज हित में अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए।

संकल्प लेने का अवसर

राज्‍यपाल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के 25 वर्षो के जीवनकाल को अगले 25 हजार वर्षों तक लोग याद रखेंगे। उनके नाम से स्थापित बीएयू का राज्य के कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका रही है। आज का दिवस भगवान बिरसा के आदर्शों पर चलकर राज्य को कृषि क्षेत्र में अग्रणी एवं पूरे देश में दूसरे पायदान स्थापित करने का संकल्प लेने का अवसर है।

हरसंभव सहयोग होगा

राज्‍यपाल ने वयोवृद्ध प्राध्यापक एवं कर्मचारियों का सदा सम्मान देने और कुलपति की पहल की सराहना की। कहा की इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में राज्य एवं केंद्र सरकार के मध्य बेहतर सेतु बनकर मेरा हरसंभव सहयोग होगा। 

ऑडिटोरियम की मंजूरी

विशिष्‍ट अतिथि कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में पशुपालन एवं फिशरीज क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। इन संभावनाओं में तकनीकी मार्गदर्शन के लिए वेटनरी यूनिवर्सिटी एवं फिशरीज यूनिवर्सिटी की स्थापना दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकार को हरसंभव सहयोग कर रही है। सरकार ने विवि परिसर में अब्दुल कलाम के नाम से वृहद् ऑडिटोरियम स्थापना की भी स्वीकृति दे दी है।

सतत प्रयासरत रहें

कांके विधायक समरी लाल ने हाल के वर्षों में बीएयू द्वारा देश-विदेश में कांके क्षेत्र का नाम रौशन करने पर प्रसन्नता जताया। कहा कि देश में कृषि धरोहर को आगे बढ़ाने में बीएयू छात्रों को सतत प्रयासरत रहना होगा।

उपलब्धिया गिनाई

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति डॉ ओएन सिंह ने विगत तीन वर्षों में बीएयू की महत्वपूर्ण उपलब्धि एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कहा कि विवि के 11  महाविद्यालयों के 18 सौ से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है। विगत वर्षों में नये महाविद्यालयों के छात्रों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रबंधन एवं उच्च कृषि शिक्षा की प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा, कृषि वैज्ञानिक बोर्ड परीक्षा, नेट परीक्षा, जेपीएससी माध्यम से कृषि एवं पशुपालन सेवा, बैंकिंग एवं प्राइवेट क्षेत्रों में काफी बेहतर प्रदर्शन रहा है।

फार्मूलेशन को पेटेंट

कुलपति ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को दशकों बाद दर्जनों उन्नत फसल किस्म और लघु कृषि उपकरण को विकसित करने में सफलता मिली। पहली बार विवि के बिरसीन एवं बिरसोल फार्मूलेशन को पेटेंट मिला। सोका यूनिवर्सिटी, जापान से एमओयू और कृषि प्रसार कार्यक्रमों से हर एक वर्ष लाखों किसान लाभान्वित हो रहें हैं।

पुस्‍तकों का विमोचन

मौके पर राज्यपाल ने बीएयू वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23, बीएयू स्टूडेंट्स मैगजीन (दी जेनिथ), किसान पत्रिका पठारी कृषि, गिलोय पुस्तक, चारा फसल मैन्युअल तथा वेटनरी शिक्षकों द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन किया। 

किसानों को सम्‍मान

इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्कृष्ट कृषि कार्य के लिए किसानों में कुन्नु हेम्ब्रम, बैद्यनाथ महतो, सितेश्वर सिंह एवं एपी कुशवाहा को प्रशस्ति पत्र, उन्नत बीज एवं लघु कृषि यंत्र देकर सम्मानित किया।

इन्‍हे भी किया सम्‍मानित

इसके अलावा सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ एमपी सिंह एवं डॉ. रामजी प्रसाद और गैर शिक्षक कर्मचारी एसके गांगुली, डीके घोष एवं कृष्णा राम, एग्रीयूनीस्पोर्ट्स के सिल्वर मेडलिस्ट छात्र सतीश पहान, निबंध प्रतियोगिता के विजेता छात्र श्वेता कुमारी एवं कर्मचारी भारती कुमारी को सम्मानित किया।

समारोह में ये मौजूद

समारोह का संचालन रेडियो हरियाली समन्यवयक शशि सिंह और धन्यवाद आयोजन सचिव एवं डीएसडब्‍ल्‍यू डॉ बीके अग्रवाल ने किया। मौके पर डॉ एमएस मल्लिक, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ पीके सिंह, डॉ डीके शाही सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी भी मौजूद थे।