रांची (Jharkhand)। झारखंड के सरकारी शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दिया गया है। इसे वेतन से भी टैग कर दिया गया है। हालांकि शिक्षा विभाग में बायोमेट्रिक उपस्थिति को लेकर दो नियम लागू हैं। इससे कई शिक्षक सकते में हैं।
बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर कई तरह की परेशानी सामने आ रही है। इससे शिक्षक पदाधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। इसके बाद भी आए दिन शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। जानकारी हो कि पिछले दिनों खूंटी जिले के अड़की के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने 20 शिक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।
बीईईओ ने कहा था कि विभागीय आदेश के आलोक में सभी शिक्षकों को बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रतिदिन बनानी है। हालांकि आपके द्वारा मई, 2023 में एक भी दिन बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बनाया गया है। इसे लेकर स्पष्टीकरण दें कि किस करण बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बनाई गई। संतोषप्रद स्पष्टीकरण नहीं पाए जाने पर मई माह का मानदेय स्थगित किया जाता है।
राज्य के सहायक आचार्य (पारा शिक्षकों) को भी बायोमेट्रिक उपस्थिति बनाने का निर्देश विभाग ने दिया है। हालांकि उनपर कार्रवाई करने के मामले में विभाग कदम पीछे खींच लेता है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी के पत्र से यह स्पष्ट होता है।
पिछले दिनों पारा शिक्षक संघ द्वारा मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेराव किया गया। इसे टालने के लिए प्रशासी पदाधिकारी ने 15 जून, 2023 को पत्र लिखकर संघ को उनकी मांगों को लेकर विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस क्रम में एक बिंदु बायोमेट्रिक उपस्थिति का भी था।
प्रशासी पदाधिकारी ने संघ को बताया था कि शून्य बायोमेट्रिक के कारण रोके गए मानदेय के संबंध में राज्य परियोजना निदेशक द्वारा संबंधित जिले के उपायुक्त एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया गया है। ऐसे शिक्षकों के विद्यालय में उपस्थिति का सत्यापन संबंधी प्रतिवेदन प्राप्त होते ही उनके मानदेय का भुगतान किए जाने का आदेश निर्गत किया गया है।