नई दिल्ली। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को मंजूरी देने के लिए कोयला मंत्रालय ने उसे DPE भेजा है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद वेतन समझौता लागू हो जाएगा। इस बीच एटक के JBCCI सदस्य लखनलाल महतो ने एक बड़ी बात कही है।
जानकारी हो कि विदेश यात्रा से लौटने के बाद केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने वेतन समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इससे पहले केंद्रीय कोयला सचिव ने हस्ताक्षर किए थे। इसके लागू होने से कोल इंडिया, उसकी सहायक कंपनी और एससीसीएल में कार्यरत 2.81 लाख कामगारों को लाभ होगा।
कोलकाता में 20 मई, 2023 को हुई जेबीसीसीआई की 10वीं बैठक वेतन समझौते पर सहमति बनी थी। इसमें प्रबंधन और कोयला यूनियन के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार कामगारों को बेसिक, वीडीए, एसडीए और अटेस बोनस पर 19 प्रतिशत एमजीबी का प्रावधान किया गया है। भत्तों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
समझौते के तहत कामगारों के वेतन में कम से कम 8,900 और अधिकतम 32 हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई है। कोल इंडिया ने 21 महीने की अवधि के लिए 9252.24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसकी जानकारी सेबी को कंपनी ने दी थी। कामगारों को एरियर का भुगतान चार माह में किया जाएगा।
इस बीच लखनलाल महतो ने कहा कि वेतन समझौते पर DPE की मंजूरी mandatory है। यह कोयला मंत्री के हस्ताक्षर से लागू नहीं होने वाला है। उप सचिव के पत्र में 24 नवंबर, 2017 का उल्लेख है। जबतक डीपीई की मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक वेतन समझौता लागू होना असंभव है। उन्होने यह भी कहा कि जुलाई से नया वेतन मिलने की संभावना कम है।