बिरसा कृषि विवि में छात्रों के लिए खुशी का अवसर : डॉ ओंकार नाथ सिंह

झारखंड
Spread the love

  • प्लेसमेंट मेला सह बीएयू-इंडस्ट्री मीट का आयोजन

रांची। वर्ष 1981 में स्थापित बिरसा कृषि विवि के लिए पहली बार प्लेसमेंट मेला सह बीएयू-इंडस्ट्री मीट-2023 का आयोजन सबसे बड़ा उत्सव का क्षण है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के बावजूद विगत ढाई वर्षों में उच्च शिक्षा एवं करियर के क्षेत्र विवि के विद्यार्थियों का प्रदर्शन गर्व का विषय रहा है। करीब चार सौ विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के ऑनलाइन कोचिंग से जोड़ा गया है। उक्त बातें प्लेसमेंट मेला सह बीएयू-इंडस्ट्री मीट का उद्घाटन करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने 2 जून को कही।

क्षमता एवं दक्षता विकास पर ध्यान

कुलपति ने कहा कि विवि में विद्यार्थियों को क्षमता एवं दक्षता विकास पर विशेष ध्यान दि‍या जाता है। विवि के विद्यार्थी नाबार्ड एवं अन्य अनेकों राष्ट्रीय संस्थानों में बेहतर सेवा दे रहे हैं। बीएयू के विद्यार्थी अपनी क्षमता, दक्षता एवं अनुशासन के बल पर प्राइवेट एवं इंडस्ट्रीज सेक्टर के प्रबंधन में बेहद फलदायी साबित होंगे। मौके पर कुलपति ने काउंसि‍लिंग एंड प्लेसमेंट द्वारा प्रकाशित प्लेसमेंट पोस्टर एवं स्मारिका का भी विमोचन किया।

फॉरेस्ट्री पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

कुलपति ने कहा कि रोजगार के मामले में फॉरेस्ट्री पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। हाल के वर्षों में विवि के शैक्षणिक क्षेत्र में अनेकों नये आयाम जुड़े हैं। इनमें हॉर्टिकल्चर, डेयरी टेक्नोलॉजी एवं एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन रहा है। उन्होंने सबंधित कॉलेज के एसोसिएट डीन से इनके नियोजन की संभावना से सबंधित सुझाव पत्र से राज्य सरकार को अवगत कराने की सलाह दी।

नाबार्ड में विद्यार्थियों का प्‍लेसमेंट

विशिष्ट अतिथि नाबार्ड (रांची) के महाप्रबंधक गौतम कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर नाबार्ड संस्थान में करीब पचास प्रतिशत कृषि एवं संबद्ध विषय के स्नातक कार्यरत हैं। नाबार्ड सेवा में कृषि एवं संबद्ध विषय से जुड़े विद्यार्थियों के लिए अपार संभावनाएं है। उन्होंने घोषणा की कि दस दिनों के अंदर नाबार्ड की अनुषंगी यूनिट नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विस द्वारा बीएयू के ग्यारह विद्यार्थियों का प्लेसमेंट किया जायेगा।

प्राइवेट सेक्‍टर में अपार संभावनाएं

डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने वेटनरी, डेयरी टेक्नोलॉजी एवं फिशरीज क्षेत्र में नियोजन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन विषयों के विद्यार्थियों के लिए सरकारी नियोजन की अपेक्षा प्राइवेट सेक्टर में नियोजन की अपार संभावनाएं है।

विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी

डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही ने इस अवसर को विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी एवं उत्साहवर्धक अवसर बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी क्षमता की पहचान, दक्षता का विकास, जागरूक रहने और लगातार मेहनत एवं प्रयास करने की सलाह दी।

गुणवत्तापूर्ण नियोजन में तेजी आयेगी

स्वागत करते हुए डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक ने कहा कि बीएयू के कॉलेज एवं विद्यार्थियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। विद्यार्थियों में चेतना एवं जागरुकता के उद्देश्य से ही पहली बार विवि में विद्यार्थियों को यह प्लेटफॉर्म प्रदान किया गया है। इससे विवि के सफल विद्यार्थियों को सरकारी नियोजन के अलावे गुणवत्तापूर्ण नियोजन में तेजी आयेगी।

प्लेसमेंट मेला में 7 कंपनी भाग ले रही

आयोजन सचिव एवं विश्वविद्यालय समन्यवय (काउंसीलिंग एंड प्लेसमेंट)  डॉ बीके झा ने बताया कि इस कार्यक्रम में विवि के 11 महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष करीब 350 स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने पंजीयन कराया है। इस प्लेसमेंट मेला में 7 कंपनी भाग ले रही है। इनमें इंडियन सोसाइटी ऑफ़ एग्रीबिज़नस प्रोफेशनल्स, खिस्तिज़ टेक प्राइवेट लि., विरबक एनिमल हेल्थ इंडिया प्राइवेट लि.,सारदा, खेइटी प्राइवेट लि., नेबकॉन एवं आर्यभट्ट एजुकेशन एंड हेल्थ ट्रस्ट शामिल है। कार्यक्रम के दौरान विवि के 5 वें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को बीएयू एलुमनाई के साथ अंतरमिलन, विशेषज्ञों के साथ कृषि एवं संबद्ध विषयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए नियोजन की संभावनाएं विषय पर पैनल चर्चा, विशेषज्ञों द्वारा छात्रों का संवेदीकरण एवं संस्थानों के परामर्श कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

मौके पर डीआर सहित ये भी मौजूद

कार्यक्रम का संचालन रेडियो हरियाली समन्यवयक शशि सिंह और धन्यवाद आयोजन अध्यक्ष एवं डीएसडब्‍ल्‍यू डॉ बीके अग्रवाल ने किया। मौके पर डॉ पीके सिंह, डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ एके सिंह, डॉ एके पांडे, डॉ कौशल कुमार के अलावे प्लेसमेंट पदाधिकारियों में डॉ एचसी लाल, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ एके चक्रवर्ती, डॉ मिंटू जॉब, डॉ अभिजित सत्पथी, डॉ शीबा सुप्रिया देमता, डॉ अर्नब रॉय, डॉ मुनमुन सेन, डॉ गुलशन कुमार एवं डॉ जय प्रकाश सहित भारी संख्या में छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।