बटन मशरूम उत्पादन प्रौद्योगिकी से जुड़े कृषि स्नातक छात्र-छात्राएं

कृषि झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पौधा रोग विज्ञान विभाग द्वारा संचालित मशरूम उत्पादन ईकाई में बटन मशरूम की व्यावसायिक खेती विषय पर 28 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में रांची जिले के 12 किसानों के साथ रांची कृषि महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के 20 छात्र-छात्राएं भी रूरल एग्रीकल्चरल वर्क एक्सपीरियंस (रावे)- एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम के तहत शामिल हुए।

कार्यक्रम का उद्घाटन डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही ने किया। मौके पर उन्होंने बटन मशरूम की व्यावसायिक खेती को भूमिहीन किसानों एवं युवाओं के लिए ग्रामीण एवं शहरी रोजगार का सरल उद्यम बताया। कहा कि इसकी खेती में बड़ी आसानी से कम लागत में दोहरा लाभ लिया जा सकता है।

इस अवसर पर मशरूम उत्पादन ईकाई के प्रभारी डॉ एन कुदादा ने अन्य मशरूम की अपेक्षा बटन मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया की जटिलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों संग कृषि स्नातक छात्रों को बटन मशरूम उत्पादन की दीर्घ अवधि (28 दिनों वाली) तकनीक से अवगत कराया। मौके पर डॉ राकेश कुमार, डॉ पीबी साहा एवं केयरटेकर (मशरूम यूनिट) मुनी प्रसाद भी मौजूद थे। 

कार्यक्रम के पहले दिन सभी प्रतिभागियों को बटन मशरूम उत्पादन के लिए खाद तैयार करने की व्यावहारिक विधि से प्रशिक्षित किया गया। जैविक और अजैविक पदार्थो को मिश्रित करने की विधि को स्वयं से करने को बताया गया।

प्रतिभागियों को बताया गया कि खाद निर्माण की अवधि 24-28 दिनों की होगी। इस दौरान जैविक और अजैविक पदार्थो के मिश्रण की 8 बार पलटाई होगी। मिश्रण के तीसरे पलटाई में जिप्सम तथा सातवें पलटाई में फ्यूराडान मिलाने की विधि के बारे में बताया जायेगा। आठवीं पलटाई के बाद तैयार खाद का विसंक्रमण, बिजाई एवं कैमिंग आदि विधि सहित बटन मशरूम उत्पादन की जानकारी पौधा रोग वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।

बताते चले कि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह के निर्देश पर 20 कृषि स्नातक छात्र-छात्राओं को एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम के तहत विभिन्न प्रकार के मशरूम उत्पादन प्रौद्योगिकी से उद्यमिता विकास के लिए जोड़ा गया है। छात्रों को अबतक ओयस्टर मशरूम एवं दुधिया मशरूम उत्पादन की तकनीकी में प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें विभिन्न मशरूम उत्पादन के साथ विपणन तथा उद्यमिता के विभिन्न आयामों से भी अवगत कराया जा रहा है।

मशरूम की व्यावसायिक खेती के लिए इच्छुक युवक-युवतियां, गृहणी, किसान, उत्पादक एवं संस्थाएं अगले ट्रेनिंग के लिए निबंधन करा सकते है।