रांची। झारखंड (Jharkhand) के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण वर्षों से रूका हुआ है। विभाग के शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन करने की वजह से यह स्थिति बनी है।
शिक्षकों का कहना है कि नियमावली में संशोधन कर इसे जटिल बना दिया गया है। पिछले कई वर्षों से अंतर जिला स्थानांतरण रूका हुआ है। यह दुर्भाग्य है कि जो स्थानांतरण पहले आसानी से होता था, आज उसके लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।
वर्तमान शिक्षक स्थानांतरण नियमावली-2022 में पूर्व की भांति शिक्षकों को पूरे सेवा काल में एक बार गृह जिला स्थानांतरण कि सुविधा को समाप्त कर दिया गया है। इस कारण शिक्षक-शिक्षिकाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एकीकृत गृह जिला स्थानांतरण शिक्षक संघ के मुख्य प्रदेश प्रतिनिधि प्रेम प्यारे लाल कहते हैं कि शिक्षकों के अंतर जिला, गृह जिला स्थानांतरण से सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगी।
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प्यारे लाल ने अंतर जिला, गृह जिला स्थानांतरण के फायदे बताते हुए कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया में बहुत विलंब हो रही है। ऐसे में शिक्षकों से सीधा आवेदन लेकर यह काम करना है। उच्च न्यायालय का भी आदेश है कि ऑनलाइन स्थानांतरण में विलंब होने पर ऑफलाइन किया जाय।
तबादले के ये होंगे फायदे
- शिक्षक-शिक्षिकाओं का गृह जिला स्थानांतरण होने से वे बिना किसी तनाव के मनोयोग से शिक्षण कार्य करेंगे।
- इसमें सरकार पर कोई वित्तीय बोझ अलग से नहीं होगा।
- सरकारी स्कूल में अधिकतर गरीबों के बच्चे ही ज्यादा पढ़ते हैं। उनको शिक्षक गृह जिला में रहने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। क्योंकि कोई पारिवारिक तनाव नहीं रहेगा। पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकेंगे।
- प्राथमिक शिक्षक को हमेशा गृह जिला गृह प्रखंड में रहना चाहिए। इससे क्षेत्रीय भाषा की भी समस्या नहीं होगी।
- सरकारी शिक्षक गृह जिला गृह प्रखंड में रहने पर विद्यालय में अतिरिक्त समय भी दे पायेंगे। विद्यालय का परिवेश हमेशा ठीक रहेगा।