चतरा। राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन ने अफसरों की तरह कामगारों को भी एलएल और सभी को एचआरए देने की मांग की है। यूनियन के पदधारियों ने सीसीएल (CCL) की मगध परियोजना के प्रबंधक के साथ बैठक में ये मुद्दा उठाया। यूनियन के नेताओं ने कई अन्य मांगें भी प्रबंधन के समक्ष रखीं।
बैठक में यूनियन की ओर से केंद्रीय सचिव एवं जेसीएससी सदस्य ललन प्रसाद सिंह एवं मगध संघमित्रा के क्षेत्रीय सचिव मोहम्मद जहूर, क्षेत्रीय अध्यक्ष मनिंद्र कुमार सिंह, प्रोजेक्ट सचिव इंद्रजीत पांडे, प्रोजेक्ट अध्यक्ष खुर्शीद आलम, क्षेत्रीय संयुक्त सचिव मोहम्मद वसीम, प्रोजेक्ट संगठन सचिव साजिद अख्तर, प्रोजेक्ट संयुक्त सचिव दीपक रविदास, प्रोजेक्ट संयुक्त सचिव दीपक हेंब्रोम भी उपस्थित थे।
प्रबंधन की ओर से परियोजना पदाधिकारी एन नाथ एवं परियोजना मैनेजर इकराम आदि अधिकारी उपस्थित थे। प्रबंधन ने कहा कि सभी मांगों को बहुत जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
इन मांगों को भी उठाया
वायु प्रदूषण पर रोक लगाई जाए।
डिस्पेंसरी में महिला नर्स एवं महिला डॉक्टर की पोस्टिंग की जाए।
क्लर्क ग्रेड थर्ड का अविलंब परीक्षा ली जाए।
बचे हुए सभी पोस्ट में प्रमोशन दिया जाए।
सभी कांटा घरों में पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था की जाए।
सभी ट्रकों कोयले की ढुलाई तिरपाल से ढंककर की जाए।
बीजीआर कंपनी में 75% लोकल लोगों को बहाली की जाए।
वहां काम कर रहे कामगारों को 8 घंटा ही काम लिया जाए।
सभी कामगारों को क्वाटर दिया जाए।
सभी कामगारों को इंसेंटिव दी जाए।
सीएमपीएफ को अप टू डेट किया जाए।
सर्विस सीट को डिजिटल किया जाए।
ऑनलाइन हाजरी बनाने पर रोक लगाई जाए।
सभी को समय से जूता, टोपी, टोर्च, तौलिया दिया जाए।
ड्यूटी आने जाने के लिए हजारीबाग और रांची से बस चलाई जाए।
सभी बसों में एसी लगाई जाए।
बचरा से महाप्रबंधक कार्यालय को अविलंब चमातू में शिफ्ट किया जाए।
मगध परियोजना में डीपीएस स्कूल खोला जाए एवं अस्पताल बनाया जाए।
स्टेट बैंक और इंजीनियरिंग कॉलेज खोला जाए।
विस्थापितों को मुआवजा और नौकरी अभिलंब मिले।
विस्थापित गांव में रोड, बिजली, पानी, चिकित्सा इत्यादि का प्रबंध हो।
विस्थापितों को दो करोड़ तक की ठेकेदारी दी जाए।
माइंस एरिया में लाइट की समुचित व्यवस्था की जाए।
सभी कामगारों को समय से प्रमोशन दिया जाए।
लेडीज कॉमन रूम बनाया जाए।