रांची। झारखंड (Jharkhand) में नियोजन नीति को लेकर हेमंत सरकार ने एक सर्वे किया था। इसमें दावा किया गया था कि 2016 से पहली वाली नियोजन नीति के समर्थन में 73 फीसदी युवा हैं। इसके बाद सरकार नई नियोजन नीति लेकर आई। इसमें 40 फीसदी सीट ओपेन फॉर ऑल है।
नियोजन नीति आने के बाद इसे लेकर एग्जाम फाइर ने एक और सर्वे किया है। यह सर्वे सरकार की नई नियोजन नीति को लेकर की गई है। इस सर्वे में राज्य के करीब 16 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया। सर्वे में दावा किया गया है कि 83% छात्रों ने नियोजन नीति में 40% ओपेन फॉर ऑल के सिद्धांत को नकारा है।
युवाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते है कि 73% लोगों ने 2016 के पहले वाली नीति पर हामी भरी है। सरकार का सर्वे पूरी तरह से फर्जी है। सरकार छात्र को छलना बंद करें।
युवाओं ने कहा कि जिस तरह से हेमंत सरकार का 1932, 27% आरक्षण, बेरोजगारी भत्ता, 5 लाख सरकारी नौकरी का वादा फर्जी था, इसी तरह से ये सर्वे पूरी तरह से फर्जी है। किसी भी परिस्थिति में 40% ओपेन फॉर ऑलl नहीं चलेगा।
युवाओं ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा की रघुवर दास सरकार ने संकल्प (संख्या 3201, दिनांक 18.4.16) को पारित कर पहली बार क्षेत्रीय भाषा को JSSC की परीक्षा प्रणाली में जोड़ा, ताकि दूसरे राज्य के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोका जा सके। वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार 40% ओपेन कर दूसरे राज्य के लोगों को खुलेआम न्योता दे रहे है।
युवाओं ने कहा कि 3.5 वर्षों में हेमंत सरकार ना तो वादे के अनुसार 32 का खतिहान ही नियोजन पर लगा पाए। ना ही एक कमेटी का गठन तक की, ताकि एक फूल प्रूफ नियोजन नीति बन सके। बस झूठे वादे कर युवाओं को छलने का कार्य की। 1932 खतिहान की बात करने वाले लोग अब 60:40 लागू की।
युवाओं ने सवाल उठाए कि कहां गई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हिम्मत, जो कहते थे, ‘जो 32 की बात करेगा वही झारखंड पर राज्य करेगा।‘ यहां तो रघुवर दास की बनाई गई नीति तक को लागू करने से सरकार डर रही है।