आईसीएआर मॉनिटरिंग टीम ने BAU के गेहूं पर शोध कार्यों की समीक्षा की, दी ये सलाह

झारखंड कृषि
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रांची। बीएयू के अनुसंधान निदेशालय के अधीन संचालित आईसीएआर-अखिल भारतीय समन्वित गेहूं एवं जौ अनुसंधान परियोजना के कार्यक्रमों की चार सदस्यीय आईसीएआर मॉनिटरिंग टीम ने शुक्रवार को समीक्षा की। इस दल में आईआईडब्‍ल्‍यूबीआर के प्रधान वैज्ञानिक (गेहूं) डॉ ए शर्मा एवं प्रधान वैज्ञानिक (जौ) डॉ एल कुमार, बीएयू, सबौर के वैज्ञानिक डॉ दीपक प्रसाद एवं पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ सीएस प्रसाद शामिल थे।

विजिट में दल ने विवि के वेस्टर्न सेक्शन स्थित शोध प्रक्षेत्रों में चालू रबी मौसम में 8 एकड़ भूमि में गेहूं फसल की विभिन्न शोध गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान दल ने समन्वित प्रयोग अधीन गेहूं प्रजनन, गेहूं शस्य एवं जौ प्रजनन के कुल 13, समन्वित गेहूं प्रयोग अधीन 3 राष्ट्रीय एवं 2 अंतरराष्ट्रीय नर्सरी कार्यक्रम के प्रायोगिक प्रक्षेत्रों और बीएयू द्वारा विकसित उन्नत किस्म बिरसा गेहूं-4 के बीज उत्पादन कार्यक्रमों की समीक्षा की। गेहूं फसल पर ताप एवं सूखा सहिष्णु शोध कार्यों को देखा। आईसीएआर ने रांची केंद्र को उद्योग उपयोग के उद्देश्य से डूरम गेहूं को विशेष प्राथमिकता देने की सलाह दी।

चार सदस्यीय दल ने निदेशक अनुसंधान डॉ पीके सिंह से गेहूं एवं जौ पर चलाये जा रहे शोध कार्यों पर चर्चा की। परियोजना के अधीन रांची शोध केंद्र के कार्यों एवं प्रगति की सराहना की। रांची केंद्र द्वारा विकसित उन्नत किस्म बिरसा गेहूं-4 के बीजोत्पादन में गुणात्मक बढ़ोतरी करने और प्रदेश के किसानों को बीज उपलब्धता सुनिश्चित करने का परामर्श दिया।

आईसीएआर दल को परियोजना अन्वेंषक (गेहूं एवं जौ) डॉ सूर्य प्रकाश, शस्य वैज्ञानिक डॉ नैयर अली एवं गेहूं प्रजनक डॉ एसएस सुरीन ने शोध कार्यों की जानकारी दी।