Bird Flu in Ranchi

Bird Flu का प्रकोप, मुर्गा और अंडा खाने को लेकर एडवाइजरी जारी

झारखंड
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रांची। बोकारो के बाद रांची में भी बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है। इसकी खबर के बाद मुर्गा और अंडा खाने को लेकर असमंजस की स्थिति है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।

बर्ड फ्लू अत्यन्त संकामक विषाणुजनित रोग हैं, जो घरेलू एवं जंगली पक्षियों को संकमित करता है। H5N1, H5N3, H5N7, H5N8 आदि Avian Influenza Type-A विषाणु के अनेक सबटाईप हैं, जो पक्षियों में इस रोग के कारक है।

प्रायः सितम्बर से फरवरी माह तक इस रोग के संक्रमण की घटना पाई जाती है। इस रोग के संचरण एवं प्रसार संकमित पक्षियों के बीट एवं श्वसन स्राव के सम्पर्क में आने से होता है। दूषित दाना-पानी, दूषित वर्तन एवं औजारों से भी इस रोग का प्रसार होता है।

प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से जलीय पक्षी इस विषाणु के प्राकृतिक पोषक एवं स्रोत हैं। इन पक्षियों में रोग के लक्षण परिलक्षित नहीं होते हैं, परन्तु इनके द्वारा मुख्य रूप से मुर्गियों एवं टर्की में रोग का संचरण होता है। बत्तख एवं हंस भी इस विषाणु से संकमित होते हैं।

उनमें भी प्रायः रोग के लक्षण परिलक्षित नहीं होते हैं, परन्तु वे रोग के वाहक बन जाते हैं। सामान्यता संक्रमित गौरेया, कौआ, कबूतर जैसे पक्षियों द्वारा इस रोग के विषाणु का संचरण मुर्गियों एवं मनुष्यों में नहीं होता है।

आमजनों को बर्ड फ्लू विषाणु का जोखिम

मनुष्यों में इस विषाणु का संक्रमण पाया गया है। वर्तमान में आमजनों को इस विषाणु के संक्रमण का जोखिम कम है। हालांकि वैसे लोग जो संकमित पक्षियों के सम्पर्क में रहे हों, उनमें इसके संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

क्‍या करें और क्‍या नहीं

प्रवासी पक्षियों के दिखाई देने पर

सभी प्रवासी पक्षी संक्रमित नहीं होते हैं। इन्हें मारे नहीं। इनसे दूर रहें। इसकी सूचना विभाग को दें।

मरे पक्षी के दिखाई देने पर

पक्षियों की मृत्यु के कारण अज्ञात होते हैं। अतः स्वयं इसे नहीं छुएं। इसकी सूचना विभाग/नगर निगम को दें।

मुर्गियों को खरीदे या नहीं

बर्ड फ्लू (Bird Flu) घोषित क्षेत्र के एपीसेंटर (Epicenter) से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सभी मुर्गी- बत्तख की दुकानों को प्रशासन द्वारा बंद करने का निर्देश दिया जाता है। अतः इन क्षेत्रों में स्थित दुकानों से मुर्गियों की खरीद करने से बचें।

मुर्गी एवं मुर्गी उत्पाद का सेवन सुरक्षित या नहीं

मुर्गियों को भारतीय परिवेश में अच्छी तरह से पकाया जाता है। इसलिए इसका सेवन सुरक्षित है, क्योंकि बर्ड फ्लू विषाणु 70°C तापमान पर 30 मिनट में नष्ट हो जाता है।

बीट लगे अंडों का उपयोग सुरक्षित या नहीं

प्रायः अंडे ग्राहकों तक पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। इस बीच धूप एवं हवा से सूखने पर विषाणु नष्ट हो जाते हैं। अतः इनका सेवन सुरक्षित है।

बत्तख संक्रमण के संचरण में सक्षम या नहीं

हां, संक्रमित बत्तखों में रोग के लक्षण परिलक्षित नहीं होते हैं। हालांकि ये रोग के संचरण एवं प्रसार में सक्षम है। मुर्गियों में अकस्मात एवं उच्च मृत्यु दर इस रोग से संकमण के सूचक हैं।