चेन्नई। संगीत प्रेमियों के लिए बुरी खबर है। मशहूर पार्श्व गायिका वाणी जयराम घर में मृत पायी गयी हैं। लोकप्रिय हिंदी गीत ‘बोले रे पपीहरा’ सहित 19 भाषाओं में 10,000 से अधिक गाने गा चुकीं मशहूर गायिका वाणी जयराम का शनिवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष की थीं और शहर के एक अपार्टमेंट में अकेली रहती थीं।
जयराम के पति की पहले ही मौत हो गई थी और उनकी कोई संतान नहीं है। गायिका की घरेलू सहायिका हमेशा की तरह शनिवार को काम पर आई। हालांकि, बार-बार कॉलबेल दबाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। उसने तुरंत गायिका के रिश्तेदारों को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वाणी जयराम के रिश्तेदारों की मौजूदगी में घर का दरवाजा तोड़ा और उन्हें मृत पाया।
गायिका के घर में घरेलू सहायिका के रूप में पिछले 10 वर्षों से काम करने वाली मलारकोड़ी ने कहा कि पुलिस को वाणी जयराम के माथे पर चोट का निशान मिला है। पुलिस ने कहा कि हो सकता है कि वह गिर गई हों और घायल हो गई हों। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी थी, घरेलू सहायिका ने कहा कि वह बिल्कुल ठीक थीं।
महिला ने कहा, ‘वह पद्म भूषण सम्मान के लिए बधाई देने को लेकर आने वाले मेहमानों और शुभचिंतकों की अगवानी में व्यस्त थीं। काफी फोन आ रहे थे और उन्होंने सभी कॉल का जवाब दिया और उन सभी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनको बधाई दी। वह अकेली रहती थीं।
30 नवंबर, 1945 को जन्मी वाणी जयराम को बड़ा ब्रेक 1971 में हिंदी फिल्म ‘गुड्डी’ से मिला, जिसमें उन्होंने संगीतकार वसंत देसाई के लिए गाना गाया था। उन्हें उनके मधुर गीत ‘हम को मन की शक्ति देना’ के लिए याद किया जाता है। कई दिग्गज संगीतकारों के साथ, जिनमें एम.एस. विश्वनाथन, के.वी. महादेवन, चक्रवर्ती, इलैयाराजा और सत्यम, अन्य लोगों के साथ, कई फिल्म उद्योगों में फैले हुए हैं।