Jharkhand : शिक्षा मंत्री ने‍ विधानसभा में दी जानकारी, स्‍कूलों में एमडीएम में नहीं मिलेगा पांच दिन अंडा

झारखंड शिक्षा
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  • कैबिनेट के फैसले को लेकर विधायक विनोद सिंह ने उठाया था सवाल

रांची। झारखंड के सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाले बच्‍चों को मध्याहन भोजन योजना में पांच दिन अंडा नहीं मिलेगा। विधायक के सवाल के जवाब में विधानसभा में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने यह जानकारी दी है।

दरअसल कैबिनेट ने मध्याहन भोजन योजना के तहत स्‍कूलों में विद्यार्थियों को पांच दिन अंडा देने का निर्णय लिया था। कैबिनेट के निर्णय के बाद भी 5 दिन अंडा नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने यह मामला विधानसभा में उठाया।

विधायक ने पूछा था कि सरकार कैबिनेट के निर्णय को लागू करने का विचार रखती है या नहीं।

विधायक के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों, सभी गैर-सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) विद्यालयों, सभी प्रस्वीकृत मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पूरक पोषण के लिए सप्ताह में दो दिन (सोमवार एवं शुक्रवार) को दोपहर के भोजन के साथ-साथ अंडा/फल उपलब्ध कराया जा रहा है।

मध्याहन भोजन योजना अंतर्गत छात्रों को पांच दिन अंडा दिये जाने की अनुशंसा कैबिनेट द्वारा प्राप्त है। इसे क्रियान्वयन से पूर्व यह विचारणीय पाया गया कि वर्ग 1 से 5 के छात्र-छात्राओं की आयु के अनुसार उन्हें सप्ताह में 5 दिन अंडा दिया जाना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुकूल होगा अथवा नहीं? विशेष रूप से गर्मी के दिनों में।

मंत्री ने कहा कि वस्तुतः उद्देश्य प्रारंभिक विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त पोषण उपलब्ध कराए जाने से संबंधित है। उपर्युक्त दुविधा की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत बच्चों के स्वास्थ्य की दृष्टि से सप्ताह में स्वास्थ्यवर्द्धक आहार Millets की प्रतिपूर्ति किये जाने पर कार्रवाई विचाराधीन है।

मंत्री ने कहा कि झारखंड में इसकी व्यापक उपज है और Millets में पर्याप्त पोषक तत्व की मात्रा है। वर्ष 2023 International Millet Year घोषित है। इस आलोक में इसका उपयोग प्रासंगिक भी है।