नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर, 2016 को हुई नोटबंदी को सही करार दिया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने माना है कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी। इसलिए, उस अधिसूचना को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था। इस तरह के उपाय को लाने के लिए एक उचित सांठगांठ थी। हम मानते हैं कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरबीआई के पास नोटबंदी लाने का कोई अधिकार नहीं है। केंद्र और आरबीआई के बीच परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया।
फैसला आने के बाद भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैधानिकता को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर हंगामा खड़ा किया था। नोटबंदी के अगले साल ही टैक्स कलेक्शन में 18% की वृद्धि हुई थी और 2.38 लाख शेल कंपनियां भी पकड़ी गई थीं।
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