नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को हो सकती है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उसके फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।
यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा। उन्होंने आरक्षण पर अध्ययन के लिए राज्य सरकार की तरफ से बनाए गए आयोग का हवाला दिया।
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की। मुख्य न्यायाधीश ने 4 जनवरी को मामला सुनवाई के लिए लगाने की बात कही।
बतातें चलें कि 5 दिसंबर( 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी की थी। इसमें ओबीसी और एससी-एसटी के लिए सीटें आरक्षित की गई थीं।
इस आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि ओबीसी आरक्षण देने में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जिस ट्रिपल टेस्ट को आवश्यक बताया गया था, उसका पालन नहीं हुआ है।
मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को प्रदेश में निकाय चुनाव जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया। साथ ही राज्य सरकार की के ओबीसी आरक्षण को लेकर अधिसूचना को भी रद्द कर दिया था।