नई दिल्ली। अगर आप फ्लाइट से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया की फ्लाइट में 26 नवंबर की चौंकाने वाली घटना के दस दिन बाद, बीते 6 दिसंबर को एयर-इंडिया फ्लाइट में नशे में धुत पुरुष यात्री ने कथित तौर पर महिला के कंबल पर पेशाब कर दिया, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
युवक ने माफीनामा लिखकर घटना को लेकर माफी मांग ली है. यह घटना एयर इंडिया की उड़ान 142 में हुई और विमान के पायलट ने इस बारे में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को मामले की सूचना दी, जिसके बाद पुरुष यात्री को पकड़ लिया गया था.
वहीं 26 नवंबर की घटना में एयर इंडिया ने गुरुवार को डीजीसीए को बताया कि उसके कर्मचारियों ने आरोपित युवक के खिलाफ शिकायत नहीं की थी, जिसने कथित तौर पर नवंबर में न्यूयॉर्क-दिल्ली फ्लाइट पर एक महिला यात्री पर पेशाब किया था.
आरोपित युवक को एयर इंडिया में 30 दिनों के लिए बैन कर दिया है. साल 2017 में, सरकार ने फ्लाइट में यात्रियों के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए कई नियम जारी किया था. साथ ही नो-फ्लाई सूची के लिए दिशानिर्देश भी जारी किया था.
यदि किसी एयरलाइन में एक अनकंट्रोल पैसेंजर मिलता है, तो पायलट-इन-कमांड को शिकायत दर्ज करनी चाहिए, जिसकी जांच एक आंतरिक पैनल द्वारा की जाती है. डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान एयरलाइन 30 दिनों तक फ्लायर को निलंबित कर सकती है. समिति को 30 दिनों के भीतर निर्णय लेना चाहिए और निर्देश करना चाहिए कि फ्लायर को यात्रा करने से कितने समय तक रोका जा सकता है.
अगर पैनल तय समय सीमा के भीतर किसी निर्णय पर नहीं पहुंचता है, तो यात्री उड़ान भरने के लिए स्वतंत्र है. रिपोर्ट के मुताबिक DGCA की नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (CAR) के अनुसार, विमान में दुर्व्यवहार एक दंडनीय अपराध है.
अगर एक यात्री फ्लाइट पर सुरक्षा को खतरे में डालता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सीएआर के अनुसार, अनियंत्रित यात्रियों का व्यवहार फ्लाइट में मौजूद सभी कर्मियों को प्रभावित करता है और उड़ान पर असर डालता है.
कोई भी व्यक्ति जो एयरलाइन के सामान्य संचालन को किसी भी तरह से बाधित करता है, उसे नो-फ्लाई की लिस्ट में रखा जा सकता है. इसके अलावा अगर यात्री फ्लाइट के क्रू-मेंबर्स के साथ दुर्व्यवहार करता है तो भी उसे नो-फ्लाई की लिस्ट में डाला जा सकता है. एयरलाइंस को उन स्थितियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें यात्री को परेशानी हो सकती है.
DGCA ने अनियंत्रित व्यवहार की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें कई नियम शामिल हैं. शराब या नशीली दवाओं का सेवन करना, जो व्यवधान पैदा कर सकता है. इसके अलावा विमान में धूम्रपान करना, चालक दल के सदस्य या अन्य यात्रियों के खिलाफ धमकी भरी या अपमानजनक भाषा का उपयोग करना. दूसरों के बीच, चालक दल के सदस्य के कर्तव्यों के प्रदर्शन में जानबूझकर हस्तक्षेप करना अपराध की श्रेणी में आता है.
गृह मंत्रालय डीजीसीए और एयरलाइंस को नो-फ्लाई सूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों के रूप में पहचान किए गए व्यक्तियों की एक सूची भी प्रदान करता है.